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Study or work visa : अमेरिका में पढ़ने या नौकरी करने के लिए कौन-सा वीजा है जरूरी 

भारत में ऐसे युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है, जो विदेश में पढ़ने व नौकरी करने का इरादा रखते हैं. इनमें अमेरिका जानेवाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक होती है. आनेवाले दिनों में यदि आप की सुनहरे भविष्य के लिए अमेरिका जाने का मन बना रहे हैं, तो जानें अपको कौन से वीजा की जरूरत होगी...

Study or work visa : देश में ऐसे युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है, जो विदेश में पढ़ने एवं नौकरी करने की ख्वाहिश के साथ अमेरिका का रुख करते हैं. हाल में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में चुनी गयी संघीय सरकार ने एच-1बी वीजा में कुछ बदलावों के आदेश दिये हैं. एच-1बी वीजा में किये गये परिवर्तन भारतीय छात्रों के सपनों को भी प्रभावित कर सकते हैं. आप अगर अमेरिका में पढ़ने या वहां नौकरी करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो जानें आपको किस तरह के वीजा की आवश्यकता पड़ेगी…

छात्रों के लिए है एफ-1 एवं एम-1 वीजा   

पढ़ने के इरादे से अमेरिका का रुख करनेवाले छात्रों के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के वीजा उपलब्ध हैं – एफ-1 वीजा और एम-1 वीजा. एफ-1 वीजा उन छात्रों के लिए है, जो अमेरिका में फुल-टाइम अध्ययन करना चाहते हैं और किसी मान्यताप्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय में दाखिला लेते हैं. अंग्रेजी भाषा संस्थान में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों को भी एफ-1 वीजा के तहत अनुमति दी जाती है. एफ-1 वीजा में छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) करने की अनुमति मिलती है. वहीं, एम-1 वीजा उन छात्रों के लिए है जो व्यावसायिक (वोकेशनल) या नॉन-एकेडमिक कोर्स का अध्ययन करना चाहते हैं. 

एच-1बी वीजा की स्विच कर सकते हैं छात्र 

एच-1बी वीजा अमेरिका के नियोक्ताओं के लिए दुनिया भर के कुशल विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह वीजा विशेष रूप से  एसटीईएम यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स एवं अन्य विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करने के दरवाजे खोलता है. जो छात्र अमेरिका में अध्ययन करने के इच्छुक हैं, उनके पास अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एच-1बी वीजा में बदलाव करने का अवसर होता है. यह ट्रांजिशन ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) कार्यक्रम के माध्यम से संभव होता है, जो एफ-1 और एम-1 वीजा धारकों के लिए उपलब्ध है. ओपीटी कार्यक्रम के तहत, विदेशी छात्रों को अमेरिका में कुछ वर्षों तक काम करने का अवसर मिलता है, जिससे वे एच-1बी वीजा के लिए पात्र बन सकते हैं. 

नौकरी करने की अनुमति देता है एच-1बी वीजा 

एच-1बी वीजा को अस्थायी वीजा माना जाता है, जिसे 1990 के दशक में अमेरिकी नियोक्ताओं को विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देने के लिए बनाया गया था. यह वीजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जिनके पास विशेषीकृत कौशल और स्नातक स्तर की डिग्री या उसके समकक्ष योग्यता होती है. प्रारंभिक रूप से यह वीजा तीन वर्षों के लिए जारी किया जाता है. इसे अधिकतम छह वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है. एच-1बी वीजा यह सुनिश्चित करता है कि अमेरिकी नियोक्ता, अमेरिकी श्रमिकों के हितों को नुकसान पहुंचाये बिना, विदेशी पेशेवरों को नियुक्त कर सकें. 1990 में एच-1बी वीजा कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से इसमें वार्षिक सीमा (एनुअल कैप) रखी गयी है. हर साल लगभग 65,000 वीजा जारी किये जाते हैं. इसके अतिरिक्त, अमेरिकी संस्थानों से मास्टर डिग्री या उच्चतर डिग्री प्राप्त करने वाले विदेशी पेशेवरों के लिए 20,000 अतिरिक्त वीजा उपलब्ध होते हैं. 

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Prachi Khare
Prachi Khare
Sr. copy-writer. Working in print media since 15 years. like to write on education, healthcare, lifestyle, fashion and film with the ability of produce, proofread, analyze, edit content and develop quality material.

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