24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Success Story: बिहार के किशनगंज का अनिल बसक, सड़क किनारे ठेला लगाने वाले के बेटे से बने IAS अधिकारी

Success Story: बिहार के किशनगंज जिले से आने वाले अनिल बसाक ने गरीबी और संघर्षों को पीछे छोड़कर यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 45 हासिल की. पिता कभी सड़क किनारे ठेला लगाते थे, लेकिन अनिल ने हार नहीं मानी और आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की. 2025 में उन्हें मधेपुरा का उप विकास आयुक्त बनाया गया. उनकी कहानी मेहनत, लगन और परिवार के समर्थन की मिसाल है. यह युवा प्रतिभा बिहार के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है.

Success Story in Hindi: बिहार के किशनगंज जिले से आने वाले अनिल बसाक आज देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं. बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनिल ने साल 2020 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया. उनके पिता विनोद बसाक कभी सड़क किनारे कपड़े बेचते थे और घरों में काम करके परिवार का गुजारा करते थे. लेकिन अनिल ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन के दम पर किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है. 

Success Story in Hindi: मेहनत की मिसाल, पढ़ाई में लगातार आगे

बचपन से ही आर्थिक तंगी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, लेकिन अनिल ने कभी हार नहीं मानी. पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाले अनिल को आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला मिला. उन्होंने बताया, “पिता जी ने दिन-रात मेहनत की ताकि मैं अच्छे से पढ़ाई कर सकूं. मैं हमेशा महसूस करता था कि उनके त्याग को व्यर्थ नहीं जाने दूं.”

तीन प्रयास, एक सपना – बनना था IAS

अनिल ने पहली बार यूपीएससी परीक्षा 2018 में दी थी लेकिन प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर सके. वे मानते हैं कि तब उनके अंदर आत्मविश्वास से ज्यादा आत्ममुग्धता थी. दूसरी बार उन्होंने बेहतर रणनीति बनाई और भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयन हुआ, ऑल इंडिया रैंक 616 आई. लेकिन उनका सपना था IAS बनना, इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी.  तीसरे प्रयास में 2020 में उन्होंने 45वीं रैंक हासिल कर आखिरकार वह मुकाम पा लिया. 

पढ़ें: Captain Shubhanshu Shukla Education: NDA पास कर बने पायलट, अब अंतरिक्ष में उड़ान, शुभांशु शुक्ला की पढ़ाई और मिशन की कहानी

बिहार के मधेपुरा में मिली अहम जिम्मेदारी

मई 2025 में बिहार सरकार ने एक अहम प्रशासनिक फेरबदल के तहत अनिल बसाक को मधेपुरा जिले का उप विकास आयुक्त (DDC) और जिला परिषद के CEO की जिम्मेदारी सौंपी. विधानसभा चुनाव से पहले इस पद पर नियुक्ति को काफी अहम माना जा रहा है.  अब वे जिले में विकास योजनाओं की निगरानी, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और चुनावी प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने का कार्य देख रहे हैं. 

UPSC Success story in Hindi: परिवार, शिक्षक और समाज की भूमिका

अनिल ने अपने पूरे सफर में अपने माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों का विशेष आभार जताया है.  उनका मानना है कि यदि परिवार का साथ, सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी बच्चा किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकता है. उनकी कहानी आज उन लाखों युवाओं को प्रेरणा दे रही है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं. 

पढ़ें: First Indian Astronaut: जब इंदिरा गांधी ने पूछा भारत कैसा दिखता है… तो राकेश शर्मा ने दिया ये ऐतिहासिक जवाब

समाज को सीख: हर अनिल को चाहिए अवसर

अनिल बसाक की कहानी सिर्फ एक सफल अभ्यर्थी की नहीं, बल्कि उस समाज की है जो संघर्ष से तपकर निखरता है. यह कहानी हमें याद दिलाती है कि शिक्षा, परिवार का सहयोग और समाज की सकारात्मक भूमिका किसी भी युवा को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकती है. हमें ऐसे बच्चों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, ताकि हर अनिल को आगे बढ़ने का अवसर मिले. 

पढ़ें: Robbery Theft And Dacoity: आधा भारत नहीं जानता चोरी, लूट और डकैती में क्या है फर्क? जान लेंगे तो कभी नहीं होंगे कन्फ्यूज

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel