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Jharkhand :डिप्लोमैट के निर्देशक शिवम नायर का झारखंड से है बेहद खास कनेक्शन

निर्देशक शिवम नायर ने एक लंबा अरसा झारखंड के पलामू में बिताया है.उन्होंने झारखंड से अपने विशेष लगाव को भी इस इंटरव्यू में साझा किया

jharkhand:झारखंड के पलामू से खास कनेक्शन रखने वाले निर्देशक शिवम नायर तीन दशक से भी अधिक समय से इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. टीवी,फिल्मों और वेब सीरीज का हिस्सा रहे शिवम नायर इन दिनों वह अपनी हालिया रिलीज फिल्म द डिप्लोमैट को लेकर सुर्खियों में हैं.अपनी इस फिल्म की मेकिंग और दूसरे पहलुओं पर उन्होंने दिलचस्प बातें उर्मिला कोरी के साथ साझा कीं.

उज्मा अहमद पर पहले बायोपिक बनने वाली थी

पाकिस्तान में फंसी उज्मा अहमद साल 2017 में भारत आयी थीं. उसके एक महीने बाद ही निर्माता आश्विन यार्डी और समीर दीक्षित उनसे मिलने गये थे और तय हो गया था कि इस पर फिल्म बनायेंगे. पहले उन्होंने उज्मा पर बायोपिक बनाने की सोची थी. विद्या बालन को लेने की प्लानिंग थी, लेकिन जब मुझे कहानी मालूम पड़ी तो मैंने कहा कि इस पर बायोपिक नहीं बन सकती है, क्योंकि लड़की प्यार में बेवकूफ बनी है. उस पर क्या बायोपिक होगी. फिर मैंने पूछा कि उसको रेस्क्यू करने में किसने मदद की थी. जेपी सिंह का नाम आया. मैंने बोला इस नजरिये से कहानी कहनी चाहिए. अब तक राजनायिक के नजरिये से कहानी नहीं कही गयी है. इसके बाद कहानी इस एंगल से लिखनी शुरू हुई. इस बीच कोविड आ गया, जिसके बाद से चीजें डिले होती चली गयीं. राइटिंग, शूटिंग, पोस्ट प्रोडक्शन इन सभी कामों में समय गया. समय इसलिए और लग गया, क्योंकि हम इस कहानी को पूरी विश्वसनीयता के साथ कहना चाहते थे. उज्मा के पति और दोस्त की भूमिका के लिए कई एक्टर्स का ऑडिशन लिया था. इसके बाद जगजीत संधू ,भवानी मुजम्मिल का चयन किया गया. उन्होंने किरदार के लिए पश्तो भाषा भी सीखी. बुनेर दिखाने के लिए कई लोकेशंस की रेकी हुई थी.

मनाली को पाकिस्तान बनाया

इस फिल्म की कहानी का आधार पाकिस्तान है. पाकिस्तान में हम शूटिंग नहीं कर सकते थे, तो हमने भारत में ही जगह चुनी. मनाली से 10 किलोमीटर दूर हमने पाकिस्तान के बुनेर इलाके को बनाया था. सात से आठ दिन वहां पर शूटिंग हुई थी. शूटिंग आसान नहीं थी, क्योंकि ऊंचाई पर था. वहां पर ऑक्सीजन की बहुत कमी थी. हर दिन कोई ना कोई बेहोश होता था. शूटिंग स्पॉट पर एम्बुलेंस और ऑक्सीजन सिलिंडर हमेशा मौजूद होती थी. इंडियन एम्बेसी वाले दृश्य की शूटिंग चंडीगढ़ में हुई है.

जॉन अब्राहम खुद भी रियलिस्टिक ट्रीटमेंट चाहते थे

इन दिनों दौर लार्जर देन लाइफ फिल्मों का है. हमारे पास मास हीरो जॉन अब्राहम भी थे. इस फिल्म के निर्माता अश्विनी यार्डी ने फिल्म की स्क्रिप्ट जॉन को भेजी थी और उन्हें स्क्रिप्ट बहुत पसंद आयी और वह एक्टर के साथ-साथ निर्माता के तौर पर भी फिल्म से जुड़ गये. जॉन की अच्छी बात ये है कि वह जानकार इंसान हैं. वह बहुत पढ़ते हैं. उनको जिओ पॉलिटिक्स की समझ है. यही वजह है कि वो भी समझता थे कि इस फिल्म को रियलिस्टिक ट्रीटमेंट देना जरूरी है. लार्जर देन लाइफ दिखाने के लिए हम फिल्म में कुछ भी नहीं जोड़ सकते हैं. जॉन डिप्लोमैट जेपी सिंह से मिले. साथ ही उन्होंने रीडिंग और वर्कशॉप भी की थी.

किसी और अभिनेत्री की कास्टिंग होने वाली थी

फिल्म में उज्मा के किरदार के लिए सादिया खतीब वाहवाही बटोर रही हैं, लेकिन शुरुआत में प्रोड्यूसर्स उसकी बजाय किसी और अभिनेत्री को लेना चाहते थे. मुझे सादिया सबसे परफेक्ट लगी थी. मैंने उसका ऑडिशन देखा था. मैंने वही ऑडिशन जॉन को दिखाया. जॉन को मेरे कन्विक्शन पर भरोसा हुआ. उन्होंने ही फिल्म से जुड़े सभी निर्माताओं को कहा कि शिवम की पसंद के साथ ही आगे बढ़ते हैं.

सुषमा जी बेटी को उनकी मां याद आ गयी

यह फिल्म असल घटना पर आधारित है. उज्मा के भारत लाने में राजनयिक जेपी सिंह के साथ-साथ स्व सुषमा स्वराज्य जी की भी अहम भूमिका थी. जब हम फिल्म की स्क्रिप्ट लिख रहे थे. उस वक्त ही हम चाहते थे सुषमा जी का रोल रेवती करें और वह आखिरकार राजी भी हो गयीं. मैं बताना चाहूंगा कि हाल ही में सुषमा जी की बेटी ने यह फिल्म देखी और उन्होंने कहा कि रेवती जी ने जिस तरह से यह किरदार जिया है, उन्हें उनकी मां की याद आ गयी.

आने वाले प्रोजेक्ट्स

जैसा कि सभी को पता है कि मुझे असल घटनाएं बहुत ज्यादा प्रेरित करती हैं. दो प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग है. यूक्रेन से रेस्क्यू करके भारत लाये गये स्टूडेंट्स और कश्मीर की बहादुर लड़की रुखसाना कौसर की कहानी को परदे पर लाने की तैयारी है.

झारखंड आता जाता रहता हूं

मेरा जन्म केरल में हुआ है, वहां मैंने पांचवीं तक की पढ़ाई की थी. उसके बाद मेरा परिवार झारखंड के पलामू में शिफ्ट हो गया. उस वक्त वह बिहार का हिस्सा हुआ करता था. मेरी पूरी पढ़ाई वहीं पर हुई है. मैंने एक लंबा अरसा वहां बिताया है. मेरे सबसे अधिक दोस्त झारखंड से ही हैं. उनसे बातचीत होती रहती है और मौका मिलने पर मैं भी झारखंड आता जाता रहता हूं.



Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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