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maharaj फिल्म देखते हुए आमिर खान रो रहे थे तो कभी तालियां बजा रहे थे .. फिल्म के निर्देशक ने किया खुलासा 

महाराज फिल्म के निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने आमिर के बेटे जुनैद और इस फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कई बातें शेयर की.

maharaj फिल्म इनदिनों ओटीटी पर स्ट्रीम कर रही है.आमिर खान के बेटे जुनैद खान की लॉन्चिंग वाली इस फिल्म के निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा हैं.सिद्धार्थ की मानें तो इस फिल्म की रिलीज के लिए उन्हें पांच साल का लम्बा इन्तजार करना पड़ा,लेकिन इस फिल्म को मिल रहे रिस्पांस से वह बेहद खुश हैं .इस फिल्म से जुड़ी चुनौतियों,जुनैद खान सहित कई मुद्दों पर उर्मिला कोरी से हुई खास बातचीत

महाराज फिल्म से जुड़ी जर्नी को किस तरह परिभाषित करेंगे,कितनी ख़ुशी  कितनी निराशा से इस दौरान जूझना पड़ा ?

निराशा  तो तब हुई ,जब एक पोस्टर की वजह से लोगों ने इस फिल्म को बैन करने की बात शुरू कर दी थी .उसके बाद फिर 2 साल कोविड हो गया,तो वह भी निराशाजनक था. पिक्चर तो रेडी थी.हम चाहते थे कि वह आ जाए,लेकिन वह नहीं आ पाई. सही टाइम का इंतजार किया गया. उसके बाद ओटीटी में गए.फिर तय हुआ कि इस ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होगी.आमतौर पर जब आपकी फिल्म रिलीज होती है,तो काफी प्रमोशन होता है, लेकिन हमारा टीजर या ट्रेलर कुछ नहीं आ पाया.सिर्फ एक पोस्टर आया और फिल्म रिलीज हो गई. सभी को पता है कि रिलीज के 1 दिन पहले क्या हुआ था,लेकिन अब खुश हूं क्योंकि फिल्म को बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. नेटफ्लिक्स की आंकड़ों की मानें तो हमारी फिल्म ग्लोबली नंबर 2 रैंक की गयी है. इंडिया और 14 देश में या नंबर वन रैंक की गई है.लग रहा है कि मेहनत और इन्तजार रंग लाया.

 इस सेलिब्रेशन में क्या कुछ कमी इस बात को लेकर हो रही है कि ये फिल्म थिएटर मैं रिलीज होती थी तो ज्यादा अच्छा होता था?

 सच कहूं तो मेरे लिए यह मायने नहीं रखता है. मेरे लिए ये फिल्म बनाने देना और बना लेना ही बहुत बड़ी बात है.इसका श्रेय निर्माता आदित्य चोपड़ा को जाता है. उन्होंने कहने की हिम्मत दी.फिर ओटटी पर आए या यूट्यूब पर आए. यशराज और आदित्य चोपड़ा का वह कॉल है. वे कई दशकों से फिल्म बना रहे हैं.फिल्म का विषय कितना संवेदनशील है. कौन सा प्लेटफार्म इसके लिए परफेक्ट रहेगा. यह सब उनका निर्णय होना चाहिए और उनके निर्णय को मैं सलाम करता हूं.

 यह फिल्म कोर्ट केस में गई थी तो क्या किसी सीन को कट करने कहा गया था? 

कोर्ट में नहीं,जब एडिटिंग हो रही थी. उस वक्त कट किया गया था.सेंसर में भी कुछ सीन्स में कट किए गए थे.हमारी फिल्म में से कुछ 35 मिनट का फुटेज काटा गया है.फिल्म निर्देशक के लिए एक बच्चे की तरह होती है ,इसलिए बुरा तो लगता है, लेकिन फिल्म सब तक पहुंचे यह सबसे जरूरी है. कोर्ट में कैसे चल रहा था,तो हमें पता था कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है.जिससे हमारी फिल्म को नुकसान पहुंचे क्योंकि हमने बहुत सारा एडिट किया है. वैसे हमारी फिल्म किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्मगुरु के सोच के खिलाफ है. हमारी फिल्म समाज को मैसेज दे रही है कि अंधभक्ति किसी भी चीज में मत रखिए.

यह कहानी किस तरह से आप तक पहुंची?

हिचकी की रिलीज हो गई थी. विपुल मेहता मेरे एक दोस्त हैं. उन्होंने इस कहानी पर एक गुजराती नाटक का निर्देशन किया था.वह नाटक देखने में गया था. वह नाटक मुझे बहुत पसंद आया था, जिसके बाद मैंने पता किया, तो मालूम हुआ कि इस तरह की कहानी है और सच्ची कहानी है.इस पर किताब भी है. हमने किताब के भी राइट्स लिए. फिर हमने लापता लेडीज फेम राइटर स्नेहा देसाई को फिल्म से जोड़ा.उन्होंने फिल्म के डायलॉग लिखे हैं. फिल्म में वह भाभो के किरदार में भी हैं.दो साल में स्क्रिप्ट लिखकर हमने शूट भी कर लिया था. तीन साल हमने रिलीज के लिए इंतजार किया. 2 साल कोविड में और 1 साल यह सब में चला गया.

इस फिल्म के लिए जुनैद ही आपकी पहली पसंद थे या फिल्म लेकर आप आमिर खान के पास गए थे और उन्होंने जुनैद के नाम की सिफारिश की ?

 अगर ऐसा होता तो आमिर फिल्म का पूरा प्रमोशन करते थे. आमिर इस फिल्म के प्रमोशन में कहीं भी नहीं थे.जुनैद को मैं पहले से जानता था.लाल सिंह चड्ढा में उनका ऑडिशन क्लिप देखा था. वह मुझे काफी पसंद आया था. मैंने आदित्य  को कहा कि मुझे करसन के किरदार के लिए एक नया चेहरा चाहिए और जुनैद इसके लिए बेहतर होंगे.इसके बाद जुनैद खान को अप्रोच किया गया. उन्हें कहानी सुनाई गई. आमिर सर को भी कहानी सुनाई गई. निजी तौर पर मैं जुनैद को स्टार किड नहीं मानता हूं. वह बहुत ही सहज और सरल है.चार साल से वह मेरे साथ ही है. वह ऑटो में आता- जाता है.

क्या आमिर के बेटे को लांच करने का प्रेशर नहीं था ?

प्रेशर से ज्यादा मैं इसे जिम्मेदारी कहूंगा. कोई भी नया कलाकार जब लांच होता है,तो यह निर्देशक की जिम्मेदारी होती है कि निर्देशक के तौर पर उसे पूरी तरह जान सके. उसकी खूबियों को जानते हुए उसकी कमियों को भी छुपाना होता है.जितना हो सके उसे बेहतरीन तरीके से परदे पर पोट्रे करना था.एक साल हमने रीडिंग की. हर एक डायलॉग पर रीडिंग की.उसपर टोन सेट किया.संवाद ही नहीं अपनी वॉक और बॉडी लैंग्वेवेज पर भी उसने मेहनत की.सीन के ग्राफ को भी उसने समझा.

जुनैद के लिए सबसे मुश्किल दृश्य कौन सा था, क्लाइमेक्स में वह मोनोलॉग वाला दृश्य? 

सच कहूं तो वह फिल्म का सबसे आसानी से किया गया शूट था. हंसते – खेलते हो गया था. जुनैद ने पूरा दस मिनट वन टेक में किया था. सेट पर जितने लोग थे सभी ने उठकर तालियां बजाई थी. शुरुआत में भरोसा नहीं था. मैंने बोला कि तू कर लेगा या फिर हम थोड़े-थोड़े शॉट लेकर ये सीन पूरा करें,लेकिन उसने एक टेक में वह कर दिया था. मुश्किल सीन वह बारिश वाला सीन था,जिसमें वह जयदीप के किरदार को चुनौती देता है.हमें लगा कि मुंबई में गर्मी है.बारिश का यह शूट आसानी से हो जाएगा. 3 दिन तक हमने रात में बारिश में भीगते हुए वह शूट किया.उसकी शूटिंग का दौरान जुनैद ठंड से कांप रहा था.बहुत मुश्किल उसके लिए बारिश में भींगते हुए शूट करना था.


जयदीप अहलावत के संग सीन करते हुए जुनैद क्या नर्वस हुए थे ?

 जयदीप जैसे दिग्गज एक्टर के सामने खड़े रहना ही अपने आप में बड़ी बात है. इसके लिए हमने जयदीप सर की बहुत मेहनत ली. उनकी रीडिंग हमने साथ में कराई. सीन के ग्राफ के बारे में जयदीप सर को बताने को कहा ताकि उनके बीच एक बॉन्डिंग बन जाए और सीन करते हुए जुनैद कम से कम पूरे आत्मविश्वास के साथ जयदीप सर के सामने खड़ा रहे.

आमिर खान का फिल्म पर क्या रिएक्शन था? 

उनको फिल्म बहुत ही अच्छी लगी. फिल्म देखते हुए हंस रहे थे.रो रहे थे. तालियां भी बजाई थी. फिल्म खत्म होने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे गले लगो. एक बहुत टाइट हग मिला। वे दर्शक की तरह फिल्म देखते हैं. उन्होंने फिल्म को देखने के बाद अपनी राय भी दी कि हम यहां यह कर देंगे तो ज्यादा बेहतर  रहेगा और हमने किया. उनकी अम्मी को भी फिल्म बहुत अच्छी लगी. उन्होंने फोन करके मुझे कहा भी कि तुमने बहुत अच्छी फिल्म बनाई है. तुम्हें अपनी फिल्म पर गर्व होना चाहिए.

आमिर फिल्म की शूटिंग में आते थे ?

आमिर का पूरा परिवार शूटिंग के पहले दिन आया था. अपने बच्चे को लोग नयी शुरुआत करने पर आशीर्वाद देने आते हैं.वैसा कुछ था.उसके बाद वह कभी भी फिल्म के सेट पर नहीं आये. 

आपकी आनेवाली फिल्में ?

(हंसते हुए )अब झंडा गाड़ने वाली फिल्म आगे नहीं बनाना है.अब कोशिश रहेगी कि मैं साल में कम से कम एक फिल्म जरूर बनाऊं.अगली फिल्म एक पैशनेट लव स्टोरी करने की है.तीन महीने में स्क्रिप्ट पूरी हो जाएगी.उसके बाद कास्टिंग की जाएगी.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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