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Saale Aashiq:निर्देशक जोड़ी का खुलासा ओटीटी प्लेटफार्म ही नहीं सेंसर भी डर रहा है..जानिये क्यों ऐसा कहा

दुकान फिल्म का निर्देशन कर चुकी सिद्धार्थ और गरिमा की जोड़ी अपनी आज रिलीज हो रही फिल्म साले आशिक की मेकिंग से रिलीज तक की चुनौतियों पर इस इंटरव्यू में बात की है.

saale aashiq :फिल्म साले आशिक आज सैटेलाइट चैनल सेट मैक्स पर प्रीमियर होने जा रही है. ऑनर किलिंग के मुद्दे पर बनी इस फिल्म से जुडी निर्देशक जोड़ी सिद्धार्थ और गरिमा की जर्नी आसान नहीं रही हैं. उनकी मानें तो यह फिल्म एक अहम सामाजिक मुद्दे को उठाती है,लेकिन उनकी फिल्म को कदम कदम पर रिजेक्ट किया गया है. वह आगे कहते हैं कि हमें तो लगता है कि फिल्म रिलीज हो गयी यह भी बहुत बड़ी बात है.उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

साले आशिक कहानी का कॉन्सेप्ट किस तरह से आपके जेहन में आया था?

गरिमा – यह वह चीजें हैं, जो जेहन में इसलिए रहती है क्योंकि हम अखबार पढ़ते हैं. हम अपने आसपास के माहौल से थोड़े अवेयर रहते हैं कि क्या-क्या चल रहा है. मैं राजस्थान से हूं,लेकिन मैं बहुत सालों तक दिल्ली में रही हूं और सिद्धार्थ तेलंगाना की तरफ से हैं. आसपास के माहौल में हमने बहुत सी खबरें सुनी है कि मां बाप ने उन्हें मार दिया क्योंकि उन्हें किसी से प्यार हो गया था. अखबार में सुर्खियां बनी रहती है. कभी कम हो जाती है कभी ज्यादा हो जाती है.यह टॉपिक ऐसा था कि हमको बहुत गुस्सा दिलाता था.

आपकी इस फिल्म में आशिक परिवार और समाज वालों से फाइट बैक कर रहे हैं, यह आईडिया कैसे आया ?

सिद्धार्थ :समाज में कोई त्रुटि होती है तो आपको एक गुस्सा तो आपके अंदर लाती ही है. हमने सोचा इतना कुछ हमारे आसपास हो रहा है. इसका सॉल्यूशन क्या हो सकता है.आप किसी पंचायत को तो सुधार नहीं सकते हैं. वे सुप्रीम कोर्ट के रूल्स को भी फॉलो नहीं करते हैं. हमने इस फिल्म में एक उपाय सॉल्यूशन ढूंढने की कोशिश की है. बदलाव लाने में शायद बहुत साल लग जाए ,लेकिन हम कह सकते हैं कि शुरुआत है. प्रेमियों के बात समझने की जरूरत है कि चुपचाप हिंसा लेना भी एक तरह से हिंसा है. मैं बताना चाहूंगा कि फिल्म के रिसर्च के दौरान हम सेफ हाउस गए थे. जहां पर घर से भागे हुए जोड़े सरकार द्वारा सुरक्षित रखे जाते हैं. उनसे मिलने के बाद हमें समझ आया कि उनके पास कोई प्लानिंग नहीं है.आज वह 15 दिन सरकार की सुरक्षा में रह लेंगे,लेकिन निकलने के बाद उनके पास कोई भी पुख्ता प्लान नहीं है. हमने सोचा कि अगर कोई ऐसा कपल हो जो फाइट बैक वापस जाकर करें, तो चीजे बदल सकती हैं.

फिल्म की मेकिंग दौरान किस तरह की चुनौतियों से आप लोगों को जूझना पड़ा?

सिद्धार्थ – चैलेंजिंग कास्टिंग से शुरू हो जाती है. पहले तो ऐसे बोल्ड सब्जेक्ट पर आपको स्टूडियो की हां नहीं मिलती है. स्टूडियो मिल भी जाता है तो फिर कास्टिंग का चैलेंज होता है. मैं बताना चाहूंगा कि फिल्म की शूटिंग बहुत मुश्किल थी. हमने इस फिल्म की शूटिंग 50 डिग्री तापमान में जबलपुर में की है. वह भी पथरीली लोकेशंस थी.फिल्म की ज्यादातर शूटिंग आउटडोर लोकेशन पर हुई है क्योंकि यह एक भागे हुए कपल्स की कहानी है.44 दिन में फिल्म की शूटिंग हुई और पूरी शूटिंग जबलपुर में हुई है. शूटिंग पूरी हो गई तो फिर रिलीज करने का चैलेंज था. ओटटी के पास गए तो उन्होंने कहा कि यह तो बहुत बोल्ड सब्जेक्ट है.हम इसको नहीं ले पाएंगे. आजकल इतनी सारी सेंसरशिप हो गई है कि ओटीटी भी डरने लगा है.सिनेमा बदल रहा है लेकिन बड़े फिल्मकार के लिए हम नवोदित लोगों के लिए कोई बदलाव नहीं आया है.साफ कह दिया गया कि हाल ही में ओटीटी के साथ बहुत सारे हादसे हुए हैं. यह जिस तरह का ऑनर किलिंग का मुद्दा है. गोत्र से जुड़ा है. कई लोगों कई लोगों के लिए टचिंग हो सकता है, तो हम आपकी फिल्म को सपोर्ट नहीं करेंगे. कैसे सेट मैक्स आया और सैटेलाइट पर यह फिल्म रिलीज हुई है. हम ही जानते हैं. कम से कम दर्शकों तक यह फिल्म पहुंच गई हम इस बात से बहुत खुश है.

कास्टिंग को लेकर देखो क्या फिल्म की ओरिजिनल चॉइस कोई और थे?

गरिमा – आपको ऐसा लगता होगा कि हमने दीपिका, रणवीर और रणबीर के साथ फिल्में की हैं, तो हमारी अच्छी बॉन्डिंग होगी, तो ऐसा नहीं है. बड़े-बड़े जो सितारें होते हैं. वह अपने क्लोज सर्किल के अलावा किसी के साथ टच में नहीं रहते हैं. हमने भले उनके लिए फिल्म लिखी है. गाने लिखें हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह आसानी से हमारे मैसेज का जवाब दे देंगे.सच कहूं तो बात वहां तक बात जाती ही नहीं है. अपनी पहुंच वाले एक्टर्स को भी जब इसकी कहानी को सुनाया तो ही लोगों ने कह दिया था कि नहीं -नहीं इतना बोल्ड सब्जेक्ट तो हम नहीं कर पाएंगे. आप नए डायरेक्टर हो हमको आपके साथ काम नहीं करना है. मार्केट के मापदंड अलग हो सकते हैं ,लेकिन मैं यह बात कहूंगी कि मिथिला पार्कर ,ताहिर राज भसीन ने इस किरदार को बखूबी निभाया है.

फिल्म में कितने कटस हुए हैं?

गरिमा – कुछ हुए हैं. सेंसर बोर्ड की आपत्ति के बाद हमें फिल्म से मंत्र निकालना पड़े. मैं बताना चाहूंगी कि जो मंत्र थे और कई फिल्मों में इस्तेमाल हो चुके हैं, लेकिन हमें अपनी फिल्म से निकालने पड़े. हमने यह महसूस किया कि सिर्फ ओटीटी प्लेटफॉर्म ही नहीं बल्कि सेंसर बोर्ड भी डर रहा है. हमें तो लगता है की फिल्म रिलीज हो गयी यह भी बहुत बड़ी बात है.

फिल्म में चंकी पांडे विलेन बने हैं. चंकी की कास्टिंग बहुत ही अनयूजुअल है यह किसका आइडिया था?

गरिमा – हम रामलीला के लेखन से जुड़े हुए थे. उसमें सुप्रिया पाठ पाठक ने धनकोर का किरदार निभाया था, जो उस वक्त लोकप्रिय कॉमेडी शो खिचड़ी भी करती थी. उस फिल्म में उनके परफॉर्मेंस ने इस बात को फिर से बयां किया था कि कलाकार कलाकार होता है. उसको टाइप कास्ट हम लोग करते हैं. चंकी पांडे की इमेज इंडस्ट्री में कॉमेडियन की रही है या फिर अनन्या के पापा के तौर पर उन्हें जाना जाता है. उन्होंने भी कहा कि मैंने ऐसा किरदार कभी किया नहीं है. मैं बहुत इंजॉय करूंगा इस भूमिका को.मैं बताना चाहूंगा कि जबलपुर की शूटिंग में सबसे ज्यादा उनके लिए नारे लगाते थे. भीड़ उनको देखने के लिए आती थी.हिंदी बेल्ट में वह पॉपुलर नाम हैं.

गीतकार और लेखक के तौर पर इंडस्ट्री में अपनी एक मुकाम बना लिया है, निर्देशक के तौर पर अपनी जर्नी कैसे देखते हैं?

सिद्धार्थ – हमारे इंडस्ट्री हॉलीवुड के मुकाबले काफी अलग है. वहां पर स्क्रीन राइटर अगर डायरेक्टर बनने जाता है, तो उसके लिए उसको बहुत इज्जत मिलती है. उसको बहुत सम्मान से देखा जाता है. उनको लगता है कि ऑलरेडी डायरेक्टर है पहले से ही. हमारे यहां पर उसको कलंक की तरह देखा जाता है. मुझे पता है कि मैं बहुत बड़ी बात कह रहा हूं, लेकिन यह हकीकत है. इंडस्ट्री के प्रतिक्रिया आपको बताऊं.लोग कहते हैं कि आपको क्यों डायरेक्ट करना है. बड़े – बड़े निर्माता और हमारे जो कॉल्ड स्टार्स हैं.उन सभी ने मेरे से बात कही है. आप तो लेखक हैं ना.आप डायरेक्शन कर लेंगे. जबकि एक लेखक के लिए डायरेक्शन में जाना सबसे आसान है. हम तो अपनी स्क्रिप्ट में हर बात डिटेल में लिखकर देते हैं.

फ्यूचर की क्या प्लानिंग है?

सिद्धार्थ:हम निर्देशन तो करेंगे ही साथ में हम दूसरों की फिल्में लिखेंगे और हम गीतकार के तौर पर भी काम जारी रखेंगे. संजय लीला भंसाली की लव एंड वॉर,कल्कि 2 ,धड़क 2 के लिए हम गाने भी लिख रहे हैं. निर्देशक के तौर पर अगली फिल्म की कहानी हम परिवार पर आधारित बनाना चाहेंगे.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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