30 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

दिल खोल कर मिलती है पाकिस्तानी जनता

– पाक से लौट कर हरिवंश- पाकिस्तान घूमते-देखते हुए टालस्टाय का कथन याद आया. अगर बुरे-बदमाश लोग गलत काम करने के लिए एकजुट हो सकते हैं, तो अच्छे लोग भी, अच्छे कामों के लिए एकजुट हो सकते हैं. पेंच यही है कि आज दुनिया में बुरे (जो अल्पमत में हैं) लोगों की जमात है, पर […]

– पाक से लौट कर हरिवंश-

पाकिस्तान घूमते-देखते हुए टालस्टाय का कथन याद आया. अगर बुरे-बदमाश लोग गलत काम करने के लिए एकजुट हो सकते हैं, तो अच्छे लोग भी, अच्छे कामों के लिए एकजुट हो सकते हैं. पेंच यही है कि आज दुनिया में बुरे (जो अल्पमत में हैं) लोगों की जमात है, पर बहुसंख्यक अच्छे लोग बिखरे हैं. खूबसूरत इसलामाबाद के एक युवक ने, जिन्ना सुपर मार्केट में कहा कि भारत-पाक दोनों देशों में सियासत करनेवालों को एक साथ हम (बहुसंख्यक जनता) कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों में छोड़ आयें. भारत-पाक के रिश्ते स्वत: ठीक हो जायेंगे.

यह बयान मस्तिष्क से नहीं, दिल से निकला था. एहसास से ही इसकी अनुभूति हो सकती है. पाकिस्तान में आम जनता (शासकों को छोड़ कर) हर भारतीय को मेहमान मानती है. बिना कुछ खिलाये-पिलाये वे छोड़ते नहीं. दुकान में जाइए, चाय-कॉफी पीनी ही पड़ेगी. सामान की कीमत स्वत: कम जायेगी. टैक्सी में जाइए, जिस गर्मजोशी-मोहब्बत से वे आपको सैर करायेंगे, आप भूल नहीं सकते. होटलों में जाइए बैरे या अन्य आपको मेहमान मान लेंगे.

दुनिया के बड़े देश देखे. संपन्न, आधुनिक और ताकतवर मुल्क. पर भारतीय को, जो अपनत्व पाकिस्तान में, साधारण लोगों से मिलता है, वह कहीं और नहीं. निश्चि›त रूप से अपवाद भी होंगे. हां! पाकिस्तान का शासक वर्ग, अपने हितों-स्वार्थों के लिए भारत से दूरी चाहता है. जैसे भारत में धर्म और जाति की पूंजी से ही कुछ राजनीतिक दल जीवित हैं, वैसे ही पाकिस्तान का शासक वर्ग (पंजाब मूल के बड़े व्यवसायी, बड़े जोतदार, सेना के लोग, पढ़े-लिखे पाकिस्तानी) भारत-घृणा, पर पाकिस्तान में जीवित है.

दोनों देशों की इन राजनीतिक ताकतों का मकसद, कार्य-संस्कृति, सोच और चरित्र एक है. दोनों देशों में यह राजनीतिक ताकत अत्यंत अल्पमत में हैं, पर एकजुट है. शासन में है. नफरत फैलाने व समाज को बांटने, राज करने में सिद्धहस्त. अच्छे लोग खुद (95 फीसदी से अधिक) इन शासकों को पहचानते नहीं. बिखरे हैं. जिन्ना सुपर मार्केट का वह युवा जब दोनों देशों के नेताओं को कारगिल में छोड़ आने की बात कर रहा था, तो वह टालस्टाय की उस संवेदना को याद दिला रहा था कि अच्छे लोग, अच्छे काम के लिए एकजुट हों.

भारत-पाक दोनों ओर से कुछ लोग इस काम में लगे भी हैं. उनका प्रयास तीन स्तरों पर है – (1) जनता से जनता का संवाद, (2) बौद्धिकों का संपर्क और (3) सिविल मूवमेंट में लगी ताकतों के बीच एका. जिन दिनों इसलामाबाद में सार्क सम्मेलन चल रहा था, उन्हीं दिनों कराची, लाहौर वगैरह में जन संवाद के कई गैर सरकारी कार्यक्रम भी चल रहे थे. कराची में छिटपुट नुक्कड़ नाटक हो रहे थे. एक नाटक था, कश्मीर से जुड़ा. नाटक में एक ही लड़की (कश्मीर) के लिए दो लड़के मारकाट कर रहे थे. लड़की (कश्मीर) चुपचाप खून खराबा देखती रही. अंत में वह (कश्मीर) एक दूसरे युवक अमन के साथ चली गयी. कराची में हुए इस नुक्कड़ नाटक को देख कर लोग खूब हंसे. यह एकांकी पाकिस्तान इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी के छठवें संयुक्त सम्मेलन के समापन समारोह में लोगों ने देखा.

इस सम्मेलन में भी खुल कर बातें हुईं. लोकतांत्रिक तौर-तरीके से समस्याओं के हल ढूंढ़े जायें, इस पर बात हुई. इस फोरम के भारतीय पक्ष के अध्यक्ष हैं, अर्थशास्त्री अशोक मित्र. मेनस्ट्रीम के संपादक सुमीत चक्रवर्ती भी इसमें मौजूद थे.ऐसे संवादों-आयोजनों के अवसर भारत-पाक के शासक दें, तो स्थिति सुधरेगी, सार्क में भाग लेनेवालों की भी यही राय थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel