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International Solar Alliance का पहला कॉन्फ्रेंस, 62 देशों ने लिया हिस्सा

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के 62 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और समाज में वंचित लोगों तक ऊर्जा पहुंचाने के लिए अपने बिजली उत्पादन स्त्रोतों में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सम्मलेन में यहां दिल्ली सौर एजेंडा पेश किया गया. गठबंधन की […]

नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के 62 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और समाज में वंचित लोगों तक ऊर्जा पहुंचाने के लिए अपने बिजली उत्पादन स्त्रोतों में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सम्मलेन में यहां दिल्ली सौर एजेंडा पेश किया गया. गठबंधन की रूपरेखा के तहत 32 देशों ने समझौते का अनुमोदन किया, जबकि 30 देश समूह में शामिल हुए. इसका उद्देश्य विकासशील देशों में सौर ऊर्जा को विकास के साधन के रूप में बढ़ावा देना है.

एजेंडा में कहा गया है कि सदस्य देश अपने यहां बिजली उत्पादन स्त्रोतों में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाएंगे। जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से निपटने, नीतिगत पहलों के समर्थन और कार्यान्वयन तथा सभी संबंधित हितधारकों की भागीदारी के कारण यह एक लागत प्रभावी समाधान है. इसके अतिरिक्त वे विकासशील देशों के लाभ के लिए किफायती वित्तपोषण, स्वच्छ एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण के साथ ही प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और वित्तीय संस्थानों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी भी स्थापित करेंगे.
सदस्यों ने प्रतिबद्धता जताई कि वे नवीन वित्तीय तंत्रों का पता लगाएंगे ताकि लागत प्रभावी सौर प्रौद्योगिकियों की तैनाती के लिये स्थायी बाजार का निर्माण किया जा सके। इसके साथ ही विकासशील देशों में सौर परियोजनाओं की लागत को कम करने के लिए सार्वजनिक तथा निजी निवेश को बढ़ाने के लिये रचनात्मक नीतिगत पहलों पर मिलकर काम कर सकते हैं.
इस बीच भारत ने कहा कि उसने अपने सहयोगी देशों की व्यवहार्य परियोजनाओं की तैयारी में उनकी मदद के लिए परियोजना तैयारी सुविधा( पीपीएफ) की स्थापना की है, जिसके तहत रियायती ऋण सुविधा देने पर विचार किया जा सकता है. वर्तमान में भारत द्वारा प्रदान की गई ऋण सुविधा से 14.3 करोड़ डॉलर की 13 परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सम्मेलन में भारत ने लगभग 27 प्रस्तावित परियोजनाओं की घोषणा की है, जिसके लिए 1.4 अरब डालर की आवश्यकता है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में इन परियोजनाओं और निवेश का जिक्र किया.
इस बीच, 23 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रयासों की सराहना की. राष्ट्राध्यक्षों ने आने वाले दिनों में विकासशील देशों के लिए स्वच्छ ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया, जो कि भविष्य में ऊर्जा कीमत को कम करने में मदद करेगा. सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी एंटोनी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुएकहा कि उनके देश ने द्वीप राष्ट्र होने के बावजूद 2050 तक100 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा की योजना बनाई है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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