नयी दिल्ली : दिग्गज नेता व द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि को दफनाया जायेगा उनका दाह संस्कार नहीं होगा. कई लोगों के मन में यह सवाल है कि उन्हें दफनाया क्यों जा रहा है. राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा. करुणानिधि को दफनाये जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण है द्रविड़ आंदोलन. द्रविड़ आंदोलन के बड़े नेता रहे पेरियार, अन्ना दुरई और एमजी रामचंद्रन जैसी शख्सियतों को दफनाया गया था . जे जयललिता को भी दफनाया गया था. द्रविड़ आंदोलन से जुड़े नेता नास्तिक होते हैं और सैद्धांतिक रूप से ईश्वर को नहीं मानते.
करुणानिधि एक योद्धा के तौर पर अपनी पहचान बनायी देश में हिंदू जातिवादी व्यवस्था में हाशिए पर पड़े लोगों की मदद करना उनका मकसद रहा. करुणानिधि की पार्टी द्रविड़ आंदोलन में रही हैं. द्रविड़ आंदोलन हिंदू धर्म के किसी ब्राह्मणवादी परंपराओं, जातिगत व्यवस्था और धार्मिक आडंबरों का विरोध करता रहा. करुणानिधि संगठित धर्म और अंधविश्वास का खुलकर विरोध करते थे. वह खुद को नास्तिक कहते थे.
खुलकर अपनी बात रखने वाले करुणानिधि कई बार अपने बयानों के कारण विवादों में आ जाते थे. द्रविड़ आंदोलन का आखिरी नास्तिक चेहरा रहे करुणानिधि ने एक बार कह दिया था कि ‘क्या हिंदुओं का कोई धर्म है? हिंदू कौन है? अगर आप कुछ राइट विंग के लोगों से पूछेंगे तो वे बताएंगे कि हिंदू का असली मतलब चोर है.’ ऐसे एक नहीं कई बयान करुणानिधि के मिल जायेंगे