21.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से आहत हुआ हिंदू समाज, जरूरत पड़ी, तो राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन से नहीं हिचकेंगे : संघ

उत्तन(महाराष्ट्र) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से हिंदू अपमानित महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या का मुद्दा उसकी प्राथमिकता वाला नहीं है. यदि राम मंदिर के मुद्दे पर कोई विकल्प नहीं रहा, तो अध्यादेश लाना जरूरी होगा. संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ […]

उत्तन(महाराष्ट्र) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से हिंदू अपमानित महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या का मुद्दा उसकी प्राथमिकता वाला नहीं है. यदि राम मंदिर के मुद्दे पर कोई विकल्प नहीं रहा, तो अध्यादेश लाना जरूरी होगा. संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ अयोध्या में राम मंदिर के लिए 30 साल से आंदोलन कर रहा है. जरूरत पड़ी, तो आरएसएस राम मंदिर के लिए फिर आंदोलन शुरू करने से नहीं हिचकेगा. वैसे मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
हम कानून का सम्मान करते हैं. यही वजह है कि मंदिर के लिए सरकार पर हम कोई दबाव भी नहीं बना रहे हैं. यह बात उन्होंने तब कही, जब उनसे संवाददाताओं ने पूछा कि क्या संघ राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 के दशक जैसा आंदोलन शुरू करेगा? इस बीच शुक्रवार की सुबह यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. इस दौरान अनेक मुद्दों के साथ-साथ राम मंदिर के विषय पर भी चर्चा हुई.
ठाणे जिले के उत्तन में संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन पर जोशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हमारा अनुरोध है कि वह हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखे. वैसे भी अदालत के फैसले का इंतजार लंबा हो गया है. हमें लगा कि हिंदुओं को दीपावली से पहले खुशखबरी मिलेगी, लेकिन शीर्ष अदालत ने सुनवाई टाल दी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा आरएसएस के हिंदुत्व पर सवाल उठाये जाने पर जोशी ने कहा कि उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.
सबरीमाला में आस्था सर्वोपरि : भैयाजी
सबरीमला पर भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी की मांग का समर्थन करता है. हिंदू धर्मस्थलों पर महिलाओं से भेदभाव का हम समर्थन नहीं करते, लेकिन कुछ मंदिरों की अपनी सीमाएं हैं. लोगों को मंदिर के नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि लोगों की आस्था सर्वोपरि है.
कानूनी मंजूरी से ही निकलेगा रास्ता
जोशी ने कहा कि अदालत के फैसले का इंतजार लंबा हो गया है. यह दुख का विषय है कि हिंदू जिसे अपनी आस्था मानते हैं, वह अदालत की प्राथमिकता सूची में नहीं है. हमें आशा है कि कोर्ट हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रख फैसला सुनायेगा. हमारा मानना है कि कानूनी मंजूरी से ही मंदिर निर्माण का रास्ता िनकलेगा.
अध्यादेश का समर्थन, फैसला लेने को सरकार स्वतंत्र
जोशी ने संघ परिवार के विभिन्न संगठनों द्वारा मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश संबंधी मांग को उचित ठहराया. कहा कि विकल्प नहीं बचने पर ही सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट जमीन के मालिकाना हक पर निर्णय नहीं सुनाता, तब तक फैसला करना कठिन होगा.
क्या है मामला
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्तूबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी थी और कहा था कि एक उचित पीठ सुनवाई का कार्यक्रम तय करेगी. यूपी सरकार व रामलला के वकील ने जब इस मसले पर जल्द सुनवाई की मांग की, तो सीजेआइ रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं. मामले में सुनवाई जनवरी, फरवरी या मार्च में होगी, यह उचित पीठ तय करेगी.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel