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…जब दलाई लामा ने कहा, मेरी मृत्यु के बाद भारत से ही होगा मेरा उत्तराधिकारी, चीन से नहीं

गौरव : तिब्बती धर्मगुरु ने उत्तराधिकारी को लेकर की बड़ी घोषणा, बोले- उनका उत्तराधिकारी चीन से नहीं होगा तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी को लकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि मौत के बाद उनका अगला अवतार भारत में हो. उन्होंने यह भी कहा है कि […]

गौरव : तिब्बती धर्मगुरु ने उत्तराधिकारी को लेकर की बड़ी घोषणा, बोले- उनका उत्तराधिकारी चीन से नहीं होगा
तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा ने सोमवार को अपने उत्तराधिकारी को लकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि मौत के बाद उनका अगला अवतार भारत में हो. उन्होंने यह भी कहा है कि उनका उत्तराधिकारी चीन से नहीं होगा. दलाई लामा ने यह बात निर्वासन के 60 साल पूरे होने के एक दिन बाद कही.
कहा कि उन्होंने अपनी आयु के 60 साल भारत में गुजारे हैं और यहीं से उनका उत्तराधिकारी हो सकता है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि चीन द्वारा घोषित किये गये किसी भी उत्तराधिकारी को सम्मान नहीं मिलेगा. कहा कि चीन के लिए दलाई लामा का पुनर्जन्म काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए उनके लिए मुझसे ज्यादा चिंता का विषय अगले दलाई लामा हैं.
उन्होंने कहा कि अगर आप भविष्य में दो दलाई लामा देखते हैं, जिनमें एक आजाद मुल्क से आया हो और दूसरा चीन से आये, तो साफ है कि चीन द्वारा घोषित दलाई लामा को सम्मान नहीं मिलेगा. ऐसे में यह चीन की अपनी अलग समस्या है.
इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले वक्त में ऐसी स्थिति पैदा हो. बता दें कि चीन ने पिछले दिनों कहा था कि उसके नेताओं के पास दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार है. हालांकि, ऐसे तिब्बती बड़ी संख्या में हैं, जो कहते हैं कि दलाई लामा की मृत्यु पर उनकी आत्मा के एक बच्चे के शरीर में अवतरित होती है.
चीन ने दिया जवाब, बोला- उत्तराधिकारी को लेनी होगी चीन की सरकार से मंजूरी
अलग-अलग बयान देते रहे हैं दलाई लामा
दलाई लामा इससे पहले भी उत्तराधिकारी को लेकर बयान देते रहे हैं. दिसंबर 2018 में उन्होंने कहा था कि उत्तराधिकारी चुनना उनका काम नहीं है. उनकी स्वाभाविक मृत्यु के बाद एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से इसे लेकर फैसला लिया जाना चाहिए. इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह इसका फैसला 90 साल के होने के बाद लेंगे.
हमारे यहां धार्मिक मामलों पर हैं अपने कायदे-कानून : चीन
बीजिंग : चीन ने दलाई लामा के एलान को खारिज करते हुए कहा कि तिब्बती बौद्ध धर्म के अगले आध्यात्मिक नेता को चीन सरकार से मान्यता लेनी होगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पुन:अवतार तिब्बती बौद्ध धर्म का अनूठा तरीका है.
इसका निश्चित अनुष्ठान और परंपरा है. चीन सरकार की धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता की एक नीति है. हमारे यहां धार्मिक मामलों पर अपने कायदे-कानून हैं और तिब्बती बौद्ध धर्म में पुन: अवतार की परंपरा को लेकर भी कायदे-कानून हैं. हम तिब्बती बौद्ध धर्म के इन तरीके का सम्मान करते हैं और संरक्षण करते हैं. चीन ने कहा है कि उसके पास दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है. उसे यह विरासत में मिला है.
दलाई लामा को चीन बताता है अलगाववादी
1950 में तिब्बत को अपने नियंत्रण में लेने वाला चीन 83 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा को एक खतरनाक अलगाववादी बताता है. दलाई लामा 1959 में चीनी शासन के खिलाफ एक विद्रोह के बाद भारत आ गये थे.
Prabhat Khabar Digital Desk
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