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व्यापमं घोटाला : व्हिस्लब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने कहा परीक्षा के दौरान मॉल में फिल्म देख कर लडके बने डॉक्टर

भोपाल : व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले व्हिस्लब्लोअरआलोक चतुर्वेदी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि जब पीएमटी परीक्षा हो रही थी, तब इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाला छात्र भोपाल के मॉल में लगातार दो शो फिल्म देख रहा था और वह परीक्षा में सफल हो गया. उन्होंने कहा […]

भोपाल : व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले व्हिस्लब्लोअरआलोक चतुर्वेदी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि जब पीएमटी परीक्षा हो रही थी, तब इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाला छात्र भोपाल के मॉल में लगातार दो शो फिल्म देख रहा था और वह परीक्षा में सफल हो गया. उन्होंने कहा कि उसे मॉल में फिल्म देखने के लिए इसलिए भेज गया था कि बाहर रहने पर कोई उसे देख न ले या फिर किसी से लडाई-झगडा होने पर पुलिस का मामला बन गया तो सारा राज खुल जायेगा.
आशीष चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि गवर्नमेंट कोटे की मेडिकल सीटों को एमबीबीएस कोर्ट में ट्रांसफर किया जाता है और उसमें एमबीबीएस की एक-एक सीट पर नामांकन के लिए दस से पंद्रह लाख रुपये व एमडी की सीट पर एडमिशन के लिए एक से डेढ करोड रुपये वसूले जाते रहे हैं. व्यापमं घोटाले के विह्सलब्लोवर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि प्राइवेट कॉलेज राज्य शासन के साथ मिल कर धोखाधडी करते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे इसका खुलासा करने के कारण कई बार धमकी मिली है और दस अक्तूबर 2012 को मेरा अपहरण कर मेरी हत्या की कोशिश की. बाद में गंभीर रूप से घायल होने पर लंबे समय तक ट्रामा सेंटर में मेरा इलाज चला. उन्होंने अपनी जान पर खतरा जताया है.
उन्होंने कहा कि जब वे इस घोटाले के बारे में एक अधिकारी एसएस कुम्हले को जानकारी देने पहुंचे तो उन्होने कहा कि पूरे कुएं में भांग मिली है, तुम भी इस नशे का मजा लो. उन्होंने कहा कि अभी तुम्हें यह (पैसा) मिला नहीं है, जब मिलेगा तो मजा आने लगेगा. आशीर्ष चतुर्वेदी के अनुसार, कुम्हले का अभिप्राय इस मामले मेें फैले व्यापक भ्रष्टाचार से था और वे उन्हें भ्रष्टाचार का धन लेने को प्रेरित कर रहे थे.
आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि 2013 में पीएमटी का पर्चा लिक होने से पहले उन्होंने इसकी सूचना सेंट्रल व स्टेट एजेंसी को दी थी. लेकिन, सेंट्रल एजेंसी सीबीआइ ने कहा कि बिना राज्य के कहे हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. आशीष ने इस संबंध में सीबीआइ के अधिकारी आरएन दास से अपनी वार्ता होने की बात कही है. चतुर्वेदी के अनुसार, उनके सूचना देने के बाद प्रि मेडिकल टेस्ट का पर्चा आउट हो गया.
उन्होंने कहा कि वे इस मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच के दिलीप सोनी, डीआइजी राकेश गुप्ता से भी मिले थे. आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि इस पूरे मामले का सरगना दीपक यादव है, जो एक भाजपा सदस्य का रिश्तेदार है. ग्वालियर के रहने वाले आशीष ने इस मामले में सुधीर भदौरिया सहित कई और नाम लिये. उन्होंने कहा कि ये सब मिल कर फर्जी तरीके से प्रतियोगिता परीक्षा में छात्रों का चयन कराते थे.
आशीष चतुर्वेदी ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं को व्यापमं घोटाले का पहला विह्सलब्लोवर बताते हैं, तो फिर इस मामले की जांच इतने विलंब से 2013 में क्यों शुरू हुई. चतुर्वेदी के अनुसार, वे खुद इस मामले को लंबे समय से उठाते रहे हैं. उन्होंने कल ही इसकी जांच सीबीआइ से कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगायी है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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