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निर्भया कांड के जुवेनाइल अपराधी को भी सजा मिले : हेमा

नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा सदस्यों हेमा मालिनी और मिनाक्षी लेखी ने निर्भया कांड के एक दोषी को इस आधार पर सजा नहीं दिए जाने पर रोष जताया कि वह उस समय जुवेनाइल (किशोर) था और साथ ही जुवेनाइल की उम्र को फिर से 18 की बजाय 16 वर्ष करने की मांग की. […]

नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा सदस्यों हेमा मालिनी और मिनाक्षी लेखी ने निर्भया कांड के एक दोषी को इस आधार पर सजा नहीं दिए जाने पर रोष जताया कि वह उस समय जुवेनाइल (किशोर) था और साथ ही जुवेनाइल की उम्र को फिर से 18 की बजाय 16 वर्ष करने की मांग की.

हेमामालिनी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए तीन साल पहले आज ही के दिन हुए निर्भया कांड पर अपनी भावना व्यक्त की और कहा कि दिल्ली में हुई इस घटना को लेकर पूरा देश स्तब्ध और शर्मशार हुआ था. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अन्य को सजा हुई लेकिन इस जुवेनाइल को क्यों छोड़ दिया जाना चाहिए.
उसे भी एक वयस्क के रुप में माना जाना चाहिए और एक वयस्क के रुप में ही उसे सजा दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुनर्वास केंद्र भेजने से उसका सुधार नहीं होगा क्योंकि उसका मन शैतानी हो चुका है. अगर वह 30 या 40 साल के हो जाने के बाद जब बाहर आयेगा तो वह उसी तरह की कार्रवाई करेगा क्योंकि उस लड़के की परवरिश सही नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा और साथ ही समाज की अन्य महिलाओं का मानना है कि उसे सजा मिलनी चाहिए ताकि लड़की की आत्मा और साथ ही उसके माता पिता को दुख से कुछ राहत मिले. साथ ही आपराधिक प्रवृति वाले ऐसे बच्चों को सबक मिल सके.” भाजपा की ही मीनाक्षी लेखी ने जुवेनाइल की उम्र को पुन: 16 वर्ष करने की मांग की. उन्होंने कहा कि जो बच्चे 16 से 18 वर्ष की उम्र के हैं, उनकी संख्या मोलेस्टेशन के मामलों में 136 प्रतिशत और रेप के मामलों में 60 प्रतिशत बढी है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 तक जुवेनाइल की उम्र 16 वर्ष मानी जाती थी. 2000 में इस कानून में संशोधन किया गया और इस उम्र को बढाकर 18 वर्ष कर दिया गया. इसे वापस 16 साल किया जाना चाहिए. मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पिछले 15 वषो’ के बीच देश में बहुत कुछ बदला है और सेक्सुअल मैच्यूरिटी की उम्र बढी नहीं बल्कि घटी है. इसलिए उम्र की इस सीमा को घटाकर 16 वर्ष किया जाये.
क्योंकि 16 से 18 वर्ष आयु वर्ग के जो युवा हैं वे लोग इस तरीके से कानून के उल्लंघन और अपराध में बहुत अधिक लिप्त हैं. इनको नियंत्रित करने के लिए उक्त कानून में संशोधन करके जुवानाईल आयु को वापस 16 वर्ष किया जाना चाहिए. शून्यकाल में ही माकपा की श्रीमति टीचर ने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का जिक्र करते हुए कहा कि अपने देश में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद इसी सदन ने एक कानून पास किया था लेकिन हम इस कानून को सही तरीके से लागू करने में विफल रहे हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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