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चंदन तस्करी के लिए कुख्यात था वीरपप्न, जानें दस बातें

फिल्‍मकार रामगोपाल वर्मा की फिल्‍म ‘वीरप्‍पन’ आज रिलीज हो गयी है. फिल्‍म भारत के सबसे बडे डाकू वीरप्‍पन की कहानी पर आधारित है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उसने पुलिसवालों और आम जनता को मौत के घाट उतार दिया. फिल्‍म में वीरप्‍पन का किरदार संदीप भारद्वाज ने निभाया है. जानें दहशत के दूसरे […]

फिल्‍मकार रामगोपाल वर्मा की फिल्‍म ‘वीरप्‍पन’ आज रिलीज हो गयी है. फिल्‍म भारत के सबसे बडे डाकू वीरप्‍पन की कहानी पर आधारित है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उसने पुलिसवालों और आम जनता को मौत के घाट उतार दिया. फिल्‍म में वीरप्‍पन का किरदार संदीप भारद्वाज ने निभाया है. जानें दहशत के दूसरे नाम वीरप्‍पन के बारे में 10 महत्‍वपूर्ण बातें…

1. वीरप्‍पन का असली नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था. वो दक्षिण भारत का कुख्‍यात चंदन तस्‍कर था.
2. 18 साल की उम्र से ही वीरप्‍पन एक अवैध रूप से शिकार करने वाले गिरोह का सदस्य बन गया. कुछ ही सालों में उसने अपने प्रतिद्वंदी गिरोह का खात्मा किया और संपूर्ण जंगल का कारोबार उसके हाथों में ले लिया.
3. उसका 40 लोगों का गिरोह, अपहरण तथा हत्या की वारदात करते रहते थे जिनके शिकार प्रायः पुलिसकर्मी या वन्य अधिकारी होते थे. वीरप्पन जानेमाने व्यक्तियों की हत्या तथा अपहरण के बल पर अपनी मांग रखने के लिए भी प्रसिद्ध था.
4. वीरप्‍पन ने वर्ष 1987 को एक वन्य अधिकारी, वर्ष 1991 में एक IFS ऑफिसर पी श्रीनिवास और वर्ष 1992 को मीन्यन (कोलेगल तालुक) के पास हरिकृष्ण (आईपीएस) तथा शकील अहमद नामक दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत कई पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.
5. वीरप्‍पन ने अपने गांव गोपीनाथम के कुछ ग्रामीणों को भी क्रूरतापूर्ण मार डाला था क्‍योंकि उन्‍होंने पुलिस के पास उसके बारे में सूचनायें दी थी. वीरप्‍पन ने गांव के कुछ लोगों की मदद भी ताकि वे उसे पुलिस की गिरफ्त में आने से बचा स‍कें.
6. वर्ष 1991 में वीरप्‍पन ने मुत्थुलक्षमी से शादी कर ली. उनकी तीन बेटियां हुई. ऐसा कहा जाता है कि वीरप्‍पन ने एक बेटी को गला घोंटकर मार डाला था. वो काली मां का बहुत बड़ा भक्‍त था और उसने काली मां का एक मंदिर भी बनवाया था.
7. वीरप्पन में खास बात य‍ह थी कि वो कई कई पक्षियों की आवाज निकाल लेता था, जिसने उसे बचाने में कई बाद मदद की. वीरप्पन ने कर विभाग के कैंटीन (सेंट्रल एक्साईज़ कैंटीन) में भी काम किया था.
8. वीरप्‍पन के गिरोह में शामिल 40 लोग अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देते थे. उनके शिकार पुलिसकर्मी या वन्य अधिकारी होते थे. चूंकि वीरप्पन को ऐसा लगता कि उसकी बहन ‘मारी’ और भाई ‘अर्जुनन’ की हत्या पुलिस ने ही की थी.
9. वर्ष 1993 में पुलिस ने उसकी पत्नी मुत्थुलक्ष्मी को गिरफ्तार कर लिया. अपने नवजात शिशु के रोने तथा चिल्लाने से कहीं पुलिस उसे पकड़ ने ले इसलिये उसने अपनी संतान की गला घोंट कर हत्या कर दी.
10. वर्ष 2004 में को एसटीएफ ने कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा से सटे जंगल में मुठभेड़ के दौरान वीरप्पन को मार गिराया था. चंदन तस्‍कर वीरप्‍पन को मौत के घाट उतारने में प्रशासन को 20 सालों का वक्‍त लगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
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