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कश्मीर: राजनाथ सख्त, कहा- युवाओं को भड़काने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा

नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी के हालात को लेकर मोदी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिए कि युवाओं को भड़काने वालों को छोड़ना नहीं है. उनके साथ सख्ती से पेश आना है. यही नहीं सुरक्षाबलों को सात दिन में हालात सामान्य करने के […]

नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी के हालात को लेकर मोदी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिए कि युवाओं को भड़काने वालों को छोड़ना नहीं है. उनके साथ सख्ती से पेश आना है. यही नहीं सुरक्षाबलों को सात दिन में हालात सामान्य करने के लिए भी कहा है. रविवार को गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो हिंसा में शामिल होने के लिए युवाओं को उकसाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ करीब घंटे भर चली बैठक में राजनाथ ने ये निर्देश दिये.

आपको बता दें कि पिछले 65 दिनों से कुछ असामाजिक तत्व सामान्य जनजीवन को बाधित कर रहे हैं. आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहानी वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद से घाटी में अशांति कायम है .
अलगाववादियों की सुविधाएं वापस लेने के पक्ष में : रक्षा मंत्री
वड़ोदरा: घाटी में अशांति को देखते हुए कश्मीरी अलगाववादियों की सुरक्षा कम करने और उनकी विभिन्न सुविधाओं को खत्म करने की खबरों के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि इस तरह की सुविधाएं काफी पहले खत्म हो जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि कश्मीरी अलगाववादियों को दी जा रही सुविधाएं काफी पहले वापस ले ली जानी चाहिए थी.
30 लोग पुलिस-प्रदर्शनकारियों की झड़प में घायल
घाटी में लगातार 65वें दिन आम जनजीवन बाधित रहा. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों व पथराव करनेवाले समूहों के बीच ताजा झड़प में करीब 30 से ज्यादा लोग घायल हो गये. करीमाबाद और आस-पास रहनेवालेवाले हजारों लोग सुरक्षा बलों द्वारा छापेमारी के विरोध में रविवार की सुबह सड़कों पर निकल आये और बलों पर पथराव शुरू कर दिया. सुरक्षा बलों ने बचाव करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन से गोलियां दागी.
80 युवक दो माह में पहुंचे आतंकी शिविरों में
आतंकी बुरहान वानी के इस साल जुलाई में मारे जाने के बाद से बड़ी संख्या में कश्मीरी युवक, विशेषकर दक्षिणी कश्मीर से, लापता हैं. माना जा रहा है कि वे आतंकी समूहों में शामिल हो गये हैं. चार जिलों, पुलवामा, कुलगाम, शोपियां व अनंतनाग से पिछले दो माह से करीब 80 युवकों के लापता हैं. खुफिया सूचनाओं से संकेत मिलते हैं कि युवक हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो रहे हैं. कुछ लश्करे तैयबा से आकर्षित हैं.

अशांति के बीच उम्मीद : पत्थर नहीं, हाथों में कलम लें युवा
कश्मीर में जहां एक तरफ युवा सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसा रहे हैं. वहीं, उधमपुर के रहनेवाले युवा नबील ने बीएसएफ की असिस्टेंट कमांडेंट (वर्क्स) में टॉप कर राज्य का नाम रोशन किया है. यह खबर ऐसे समय आयी है, जब राज्य में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से हिंसा भड़की है. इसमें 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. उधमपुर के रहने वाले नबील अहमद वानी का कहना है कि हाथों में पत्थर लेने से युवाओं का भविष्य नहीं बदल सकता. इसके लिए कश्मीर के युवाओं को हाथों में कलम थामनी होगी.
Prabhat Khabar Digital Desk
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