22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जनता ने सुना दी अपने मन की बात

आशुतोष चतुर्वेदी प्रधान संपादक, प्रभात खबर हर चुनाव राजनीति को एक नया संदेश देकर जाता है. इन विधानसभा चुनावों से संदेश निकला है कि भाजपा को हराया जा सकता है. वह अपराजेय नहीं है. इन नतीजों से साफ है कि भाजपा को भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है. दूसरा संदेश है कि कांग्रेस और राहुल […]

आशुतोष चतुर्वेदी

प्रधान संपादक, प्रभात खबर

हर चुनाव राजनीति को एक नया संदेश देकर जाता है. इन विधानसभा चुनावों से संदेश निकला है कि भाजपा को हराया जा सकता है. वह अपराजेय नहीं है. इन नतीजों से साफ है कि भाजपा को भी आत्मचिंतन करने की जरूरत है. दूसरा संदेश है कि कांग्रेस और राहुल गांधी को इतनी जल्दी खारिज नहीं किया जा सकता. इस चुनाव का एक संदेश और है कि मिजोरम में बुरी तरह हार के बाद उत्तर पूर्व पूरी तरह कांग्रेस मुक्त हो गया है. यही एक राज्य था, जिसकी बदौलत कांग्रेस इस क्षेत्र में सत्ता में थी. वहीं, तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में वहां की जनता ने अलग राज्य के लिए किये गये संघर्ष और प्रयासों के बदले दूसरी बार जीत का तोहफा तेलंगाना राष्ट्र समिति को दिया है.

हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का केंद्र में भाजपा की सरकार बनवाने में बड़ा योगदान रहा है, लेकिन इन राज्यों के किसानों, युवाओं और व्यापारियों के असंतोष को भाजपा दूर नहीं कर सकी. मध्य प्रदेश में किसानों ने बड़ा आंदोलन भी छेड़ा था. इसके अलावा दिल्ली में कई बार देश के किसानों ने धरना-प्रदर्शन भी किया, लेकिन उसे गंभीरता से लेने में कहीं-न-कहीं चूक हुई. भाजपा के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि हिंदी पट्टी के जिन राज्यों की मदद से वह सत्ता में आयी थी, वे किले अब दरकने लगे हैं. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में भाजपा का दबदबा रहा है और वह पिछले पंद्रह साल से सत्ता में थी. यह सच है कि लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन राजस्थान में तो वसुंधरा राजे सिंधिया से नाराजगी की खबरें जगजाहिर थीं. इसलिए यहां का चुनाव परिणाम चौंकाता नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ में भाजपा रमन सिंह के भरोसे वापसी की उम्मीद लगाये हुए थी, पर यह उम्मीद पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस भाजपा को बराबरी की टक्कर देने में कामयाब रही.

लोकसभा चुनावों से पहले ये अंतिम विधानसभा चुनाव थे और यह तय है कि इन चुनावों के नतीजे पार्टियों और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर डालेंगे. यदि इन विधानसभा चुनावों के नतीजे भाजपा के अनुमान के अनुकूल होते, तो नरेंद्र मोदी के लिए 2019 की लोकसभा चुनावों की राह बहुत आसान हो जाती. हालांकि, यह भी सही है कि कई बार लोकसभा के नतीजे विधानसभाओं के चुनावों के नतीजों से भिन्न आते देखे गये हैं.

लोकसभा चुनाव की दृष्टि से मौजूदा नतीजे और महत्वपूर्ण हो जाते हैं. हिंदी पट्टी के राज्यों में जीत कांग्रेस के लिए बड़ी उपलब्धि है. पिछले कुछ समय से कांग्रेस एक-के-बाद चुनाव हार रही थी. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के ठीक एक साल बाद हासिल हुई यह जीत राहुल गांधी को न केवल कांग्रेस, बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी.

अभी तक यह मान लिया गया था कि जनता उन्हें ठुकरा चुकी है. अलबत्ता, कांग्रेस के लिए अभी एक संकट और भी है कि उसके खेमे में मुख्यमंत्री को लेकर गुटबाजी की खबरें सामने आने लगीं हैं. बहरहाल, इन चुनावी नतीजों से जनता ने भाजपा को अपनी मन की बात सुना दी है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel