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बुजुर्गों को स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की पहल

Health Security of Elderly : आयुष्मान भारत के तहत पहले सबसे निर्धन 40 परिवारों को पांच लाख रुपये का बीमा संरक्षण का प्रावधान था. अब बुजुर्गों के लिए आय की शर्त को हटा दिया गया है. जिन परिवारों को पहले से इस बीमा योजना का लाभ मिल रहा है, उनके बुजुर्गों को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त बीमा सुरक्षा मिलेगी, जिसे उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा.

Health Security of Elderly : केंद्र सरकार ने बुजुर्गों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़ा है. अब 70 साल और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया गया है. इस बीमा के लिए आय से संबंधित कोई शर्त नहीं रखी गयी है. इस व्यवस्था से 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने का अनुमान है.

उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत के तहत पहले सबसे निर्धन 40 परिवारों को पांच लाख रुपये का बीमा संरक्षण का प्रावधान था. अब बुजुर्गों के लिए आय की शर्त को हटा दिया गया है. जिन परिवारों को पहले से इस बीमा योजना का लाभ मिल रहा है, उनके बुजुर्गों को पांच लाख रुपये की अतिरिक्त बीमा सुरक्षा मिलेगी, जिसे उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साझा नहीं करना पड़ेगा. जिन वरिष्ठ नागरिकों को केंद्र सरकार की अन्य बीमा योजनाओं का लाभ पहले से मिल रहा है, उनके पास यह विकल्प होगा कि वे पुरानी बीमा के साथ बने रहें या आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठायें. लेकिन जिन लोगों के पास निजी कंपनियों की बीमा पॉलिसी है या राज्य के कर्मियों के लिए लागू योजनाओं के तहत स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा मिली हुई है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी मिलेगा.

निश्चित रूप से बीमा योजना का विस्तार एक सराहनीय निर्णय है. हमारे देश में 2022 में बुजुर्गों की संख्या 15 करोड़ से कुछ कम थी, जो 2050 तक लगभग 35 करोड़ हो जायेगी. इस गंभीर आर्थिक एवं स्वास्थ्य चुनौती का सामना करने में इस बीमा योजना से बड़ी मदद मिलेगी. यह चिंताजनक तथ्य है कि बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा, बैंक ऋण, ड्राइविंग लाइसेंस आदि उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इतना ही नहीं, उन्हें वीजा देने में भी आनाकानी की जाती है. कई लोगों ने इस पर भी ऐतराज जताया है कि सरकारी नियमों के कारण उन्हें अपनी पुराने वाहन बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.

निजी बीमा कंपनियां बुजुर्गों से अधिक प्रीमियम वसूलती हैं. संतानों के दुर्व्यवहार के मामले नियमित रूप से सामने आते रहते हैं, जबकि इसके संबंध में पहले से ही कानून है. राज्य सरकारें जो वृद्धावस्था पेंशन देती हैं, उस मामूली रकम के लिए बुजुर्गों को दफ्तरों और बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं. बुजुर्ग अपराध के भी आसान शिकार होते हैं. अध्ययन रेखांकित करते हैं कि अधिकतर बीमार बुजुर्ग अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं. उन्हें दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता है. बहुत से बुजुर्गों के पास कोई बीमा सुरक्षा नहीं है और 60 साल से अधिक आयु के 20 प्रतिशत वृद्ध गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे हैं. इस स्थिति में आयुष्मान भारत बीमा उनके लिए बड़ा संबल साबित होगा.

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