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क्या है पोषण 2.0, जिसकी घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में की ; किसको मिलेगा फायदा

Poshan 2.0 : देश से कुपोषण मिटाने के लिए 8 मार्च 2018 में पीएम मोदी ने पोषण योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उद्देश्य गर्भवती, ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिला और 0-6 साल तक की उम्र के बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराना था. आंगनबाड़ी केंद्रों में एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को आयरन की गोली और कैलोरी के हिसाब से भोजन दिया जाता है. अब जबकि सरकार ने केंद्रीय बजट में पोषण 2.0 की घोषणा कर दी है, तो उम्मीद की जा रही है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को अगर मजबूत किया जाएगा.

Poshan 2.0 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर केंद्रित बजट पेश किया है, जिसे नाम दिया गया है GYAN. सरकार का इस बजट में सबसे अधिक फोकस इन्हीं वर्गों पर है. बात अगर सिर्फ नारी शक्ति की करें तो सरकार ने उनके कई योजनाओं की घोषणा की है, जिसमें सबसे अहम है पोषण 2.0. 

क्या है पोषण 2.0 जिसकी घोषणा बजट में हुई

किसी भी देश के विकास के लिए यह सबसे जरूरी है कि वहां की महिलाएं सबल और आर्थिक रूप से सशक्त हों. इसके लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें गर्भावस्था के दौरान पोषाहार उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार पोषण योजना संचालित करती है. कुपोषण को देश से मिटाने के लिए पीएम मोदी ने 8 मार्च 2018 को पोषण योजना की शुरुआत की थी. जिसका उद्देश्य महिलाओं और छोटे बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराना है. इसके लिए केंद्र सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत कर रही है. इस बजट में भी वित्त मंत्री ने सक्षम आंगनबाड़ी बनाए जाने की वकालत की है, ताकि महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और पोषाहार मिल सके.

आंगनबाड़ी में महिलाओं और 0-6 साल तक के बच्चों को मिलता है पोषाहार

केंद्र सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती स्त्रियों और 0-6 साल तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराती है. यहां से प्रतिदिन बच्चों को पोषाहार दिया जाता है. साथ ही उनका टीकाकरण भी किया जाता है. किशोर और किशोरियों को 150 ग्राम कैलोरी का भोजन दिया जाता है. साथ ही प्रोटीन युक्त आहार जिसमें सोयाबीन, अंडा जैसी चीजें शामिल हैं. साथ ही एक पोषक पेय भी उपलब्ध कराया जाता है.

पोषण 2.0 में मिलेंगी अन्य सुविधाएं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पोषण 2.0 के शुरुआत की घोषणा कर दी है. निश्चित तौर पर पोषण की दूसरी पारी में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को यहां अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. सक्षम आंगनबाड़ी में धात्री महिलाओं (ब्रेस्ड फीडिंग कराने वाली महिलाएं) को भी पोषाहार देने की व्यवस्था है. उम्मीद की जा रही है कि पोषण 2.0 बहुत ही खास होगा और देश से कुपोषण का अंत भी होगा. देश में जो महिलाएं एनीमिया जैसी बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित हैं, उन्हें भी आंगनबाड़ी के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम बनाने के लिए सरकार ने इन्हें गोद लेने की गुजारिश भी कर रही है और इसके लिए जरूरी शर्ते भी समाज कल्याण विभाग के वेबसाइट पर मौजूद हैं.

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पोषण योजना की कब हुई थी शुरुआत?

पोषण योजना की 8 मार्च 2018 में हुई थी शुरुआत.

किसे मिलता है पोषण योजना का लाभ?

पोषण योजना का लाभ गर्भवती, ब्रेस्ड फीडिंग कराने वाली महिलाओं और 0-6 साल के बच्चों को मिलता है.

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

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