Ashadha Gupt Navratri 2025 : विशेष नवरात्रि तंत्र साधना, मां दुर्गा की आराधना और गुप्त रूप से शक्ति उपासना के लिए जानी जाती है. ऐसे समय में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है, अन्यथा साधना निष्फल हो सकती है या जीवन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. नीचे महत्वपूर्ण सावधानियां दी जा रही हैं जो इन नौ रातों में अवश्य बरतनी चाहिए:-

– निंदनीय कार्यों और अपवित्रता से बचें
गुप्त नवरात्रि में साधक का तन-मन पवित्र होना चाहिए। नशा, मांसाहार, व्यभिचार, झूठ बोलना या अपवित्र वस्त्र पहनना — ये सभी कार्य साधना में विघ्न डालते हैं. मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करनी है तो मन, वचन और कर्म से पवित्रता अत्यंत आवश्यक है.
– रात के समय अंधविश्वास या काले जादू जैसी गतिविधियों से दूर रहें
गुप्त नवरात्रि में कुछ लोग तंत्र साधना का दुरुपयोग कर दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं, जो अत्यंत निंदनीय और पापपूर्ण है. देवी उपासना का उद्देश्य आत्मकल्याण और लोकहित होना चाहिए, किसी को कष्ट देना नहीं.
– मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को बिना स्नान किए न छुएं
पूजा से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और फिर ही देवी की आराधना करें. बिना स्नान या गंदे कपड़ों में पूजा करना अपवित्रता का सूचक होता है और मां की कृपा बाधित हो सकती है.
– पूजा के समय ध्यान चंचल न रखें
गुप्त नवरात्रि की साधना अत्यंत शक्तिशाली होती है. यदि आप मन को इधर-उधर भटकने देंगे, तो साधना का फल प्राप्त नहीं होगा. ध्यान, मंत्र जाप और ध्यानावस्था में संपूर्ण एकाग्रता बनाए रखें. टीवी, मोबाइल या किसी भी व्याकुल करने वाली चीज़ों से दूरी रखें.
– किसी देवी स्थान पर अपवित्र चीजें न चढ़ाएं
गुप्त नवरात्रि में मां को चढ़ाई जाने वाली वस्तुएं शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए. बासी फूल, कटे-फटे फल, गंदे जल से अभिषेक करना देवी का अपमान होता है. शुद्धता और श्रद्धा ही देवी की सच्ची सेवा है.
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने का समय है. इन नौ रातों में की गई आराधना भक्त को असाधारण सिद्धियां और शक्ति प्रदान कर सकती है — बशर्ते वह पूर्ण निष्ठा, शुद्धता और संयम के साथ साधना करे. उपरोक्त गलतियों से बचकर आप अपने जीवन में मां की कृपा अवश्य पा सकते हैं.