Garud Puran teachings for men: गरुड़ पुराण, सनातन धर्म के अठारह महापुराणों में एक विशिष्ट स्थान रखता है. यह ग्रंथ भगवान विष्णु द्वारा अपने वाहन गरुड़ को दिए गए उपदेशों का संकलन है, जिसमें जीवन, मृत्यु, धर्म-अधर्म और आत्मा की यात्रा को लेकर कई गहन बातें कही गई हैं. विशेष रूप से पुरुषों के लिए गरुड़ पुराण में कुछ महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी गई हैं, जो उनके जीवन को मर्यादित, संतुलित और उद्देश्यपूर्ण बना सकती हैं.
धर्म और सत्य का मार्ग अपनाएं
गरुड़ पुराण पुरुषों को सत्य, धर्म और सदाचार की राह पर चलने की प्रेरणा देता है. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए. माता-पिता, गुरु और वृद्धजनों की सेवा, सत्य भाषण और अन्याय के खिलाफ खड़ा होना, पुरुष के कर्तव्यों में शामिल है.
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चरित्र और संयम ही असली पूंजी हैं
एक पुरुष का वास्तविक आभूषण उसका चरित्र होता है. स्त्री, धन और सत्ता के प्रति लोभ या वासना का भाव पुरुष को पतन की ओर ले जाता है. गरुड़ पुराण में संयमित जीवन, इंद्रिय-निग्रह और मर्यादा में रहकर आचरण करने की सलाह दी गई है.
जीवन का उद्देश्य केवल भोग नहीं
पुराण यह स्पष्ट करता है कि भौतिक सुख-सुविधाओं तक सीमित रहना पुरुषार्थ नहीं है. मोक्ष की प्राप्ति और आत्मिक उन्नति ही जीवन का अंतिम लक्ष्य है. इसके लिए सजग रहकर कर्म करना आवश्यक है.
पारिवारिक और सामाजिक कर्तव्य
गरुड़ पुराण पुरुष को परिवार का संरक्षक और समाज का स्तंभ मानता है. पत्नी, संतान, माता-पिता की देखभाल, न्यायपूर्ण व्यवहार और समाज सेवा, दान जैसे कर्तव्य पुरुष को निभाने चाहिए.
मृत्यु और कर्मफल का ध्यान रखें
गरुड़ पुराण बार-बार मृत्यु और परलोक की याद दिलाता है ताकि व्यक्ति अपने हर कार्य को सोच-समझकर करे. यह बताता है कि हर कर्म का फल निश्चित है, चाहे वह इस जीवन में मिले या अगले जन्म में.
गरुड़ पुराण पुरुषों को भय दिखाने के बजाय उन्हें विवेक, संयम और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. यह जीवन को केवल सांसारिक नहीं, बल्कि आत्मिक विकास की यात्रा मानता है — और इसी दिशा में पुरुष को अग्रसर होने की सलाह देता है.