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Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज व्रत का दिन सुहागिनों के लिए बेहद खास, जानें क्या करें और क्या नहीं

Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज, सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं. यह पर्व नारी सौंदर्य, प्रकृति की उपासना और पारिवारिक बंधनों का प्रतीक है. हालांकि, इस पावन अवसर को मनाते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है.

Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज की पूजा में विशेष रूप से माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती है. सुबह जल्दी उठकर पूजा स्थल की शुद्धता सुनिश्चित करें. अधिकांश महिलाएं इस दिन निराहार व्रत रखती हैं, परंतु गर्भवती या बीमार महिलाएं फल ग्रहण कर सकती हैं. तामसिक भोजन से परहेज करते हुए सात्विक आहार का सेवन करें. हरे रंग के वस्त्रों को विशेष महत्व दिया जाता है, जबकि काले, नीले और सफेद रंग के कपड़ों से दूरी बनाएं. सोलह श्रृंगार करके खुद को सुंदर बनाना इस दिन का एक प्रमुख अंग है. पूजा में फूल, रोली, चंदन, दीपक आदि का प्रयोग किया जाता है. व्रत का पारण चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद किया जाता है. एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन दूध का सेवन करने से परहेज करें. हरियाली तीज के दिन मन को शांत और प्रसन्न रखने का विशेष महत्व है. सकारात्मक विचारों से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वाणी पर नियंत्रण रखें और किसी से वाद-विवाद या बुराई से बचें. ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहकर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाएं.

पूजा विधि और सावधानियां

शुद्धता का महत्व: तीज के दिन शुद्ध वातावरण में पूजा करने से मन एकाग्र होता है.
व्रत का नियम: अधिकांश महिलाएं निराहार व्रत रखती हैं, लेकिन गर्भवती या बीमार महिलाएं फल ग्रहण कर सकती हैं.
आहार पर ध्यान: इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करें. सात्विक आहार से मन शांत और पवित्र रहता है.
वस्त्रों का चुनाव: हरे रंग के वस्त्रों को विशेष महत्व दिया जाता है. काले, नीले और सफेद रंग के कपड़ों से दूरी बनाएं.
श्रृंगार का महत्व: सोलह श्रृंगार करके खुद को सुंदर बनाएं. यह दिन महिला सौंदर्य का भी प्रतीक है.
पूजा सामग्री: पूजा में फूल, रोली, चंदन, दीपक आदि का प्रयोग करें.
चंद्र दर्शन: व्रत का पारण चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद करें.
दूध से परहेज: मान्यता है कि इस दिन दूध का सेवन नहीं करना चाहिए.

मनोभाव और व्यवहार
सकारात्मक ऊर्जा: पूजा के दौरान मन को शांत और प्रसन्न रखें। सकारात्मक विचारों से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
वाणी पर नियंत्रण: किसी से वाद-विवाद या बुराई न करें. सौम्य भाषा का प्रयोग करें.
ईर्ष्या से बचें: दूसरों की खुशी में शामिल हों और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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