Holi 2025: होली का पर्व केवल रंगों और उल्लास का उत्सव नहीं है, बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करना शुभ और फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होली के अवसर पर पूजा और साधना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
भगवान विष्णु और भक्त प्रह्लाद की पूजा
होली का त्योहार भक्त प्रह्लाद और भगवान विष्णु से गहराई से जुड़ा हुआ है. पौराणिक कथा के अनुसार, जब हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को समाप्त करने के लिए होलिका को भेजा, तब भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर समाप्त हो गई. इसलिए होली के दिन भगवान विष्णु और उनके भक्त प्रह्लाद की पूजा करने से सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है.
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होलिका माता की आराधना
होलिका दहन के अवसर पर होलिका माता की आराधना करने की परंपरा प्रचलित है. इस आराधना में गेहूं की बालियां, नारियल, हल्दी, रोली और जल अर्पित किए जाते हैं. इस क्रिया से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
भगवान कृष्ण और राधा रानी की आराधना
होली का पर्व भगवान कृष्ण और राधा रानी से गहरा संबंध रखता है. वृंदावन और बरसाने में होली का विशेष उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की आराधना करने से प्रेम, सौहार्द्र और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
महादेव और माता पार्वती की आराधना
कई स्थानों पर होली के अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की भी आराधना की जाती है. इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.