23 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Jyeshtha Purnima 2024 Date: कब है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Jyeshtha Purnima 2024 Date: साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास है. वहीं इस दिन दान देने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

Jyeshtha Purnima 2024 Date: पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा तिथि पड़ती है. पूर्णिमा तिथि साल भर में कुल 12 पड़ती है और हर एक पूर्णिमा तिथि का अपना एक महत्व है. ऐसे ही ज्येष्ठ पूर्णिमा को काफी खास मानी जाती है, इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि के दिन पितरों के तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं, इस दिन चंद्र देव के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा पर काफी अच्छे योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि और शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 21 जून को सुबह 7 बजकर 31 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जून को सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर समाप्त हो रही है. उदया तिथि के हिसाब से ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून 2024 को मनाई जा रही है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 42 मिनट तक शुभ योग रहेगा. इसके बाद शुक्ल योग लग जाएगा. भगवान शिव की पूजा के लिए शिव वास योग सुबह 6 बकर 38 मिनट से 23 जून को सुबह 5 बजकर 12 मिनट तक है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- 21 जून को सुबह 4 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 44 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त – 21 जून को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से 3 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
  • गोधूलि मुहूर्त – 21 जून को शाम 7 बजकर 21 मिनट से 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.
  • नीतिशा मुहूर्त- 21 जून को रात 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.

Also Read: Saptahik Rashifal 9 to 15 June 2024: इस सप्ताह इन 5 राशियों की बढ़ेंगी चुनौतियां, ये लोग न लें कोई रिस्क, पढ़ें सप्ताहिक राशिफल

ज्येष्ठा पूर्णिमा पूजा विधि

  • इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है.
  • अगर संभव न हो तो आप नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान भी कर सकते हैं.
  • नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
  • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी करें.
  • फिर भगवान विष्णु को भोग लगाएं, भोग में तुलसी पत्ता भी शामिल करें.
  • इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें.
  • फिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें.
  • पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है.
  • चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें.
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के साथ-साथ दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. वहीं इस दिन दान देने से पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है. इस दिन कुछ जगहों पर महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखकर पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए वट वृक्ष की पूजा करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान, पूजा पाठ करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel