26.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Nirjala Ekadashi 2025 : इस पूर्ण विधि के साथ नवविवाहिता रख सकती है निर्जला व्रत

Nirjala Ekadashi 2025 : नई दुल्हन यदि श्रद्धा, संयम और विधिपूर्वक निर्जला एकादशी का व्रत रखे तो वैवाहिक जीवन में शुभता, पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि निश्चित होती है.

Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी हिंदू धर्म की सबसे कठिन और पुण्यदायी एकादशी मानी जाती है. यह एकादशी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसका पालन व्रत, उपवास, नियम और तपस्या के साथ किया जाता है. इसका नाम “निर्जला” इसलिए है क्योंकि इस दिन व्रती को जल तक ग्रहण नहीं करना होता. नवविवाहिता भी इस व्रत को विधिपूर्वक करें तो उनके वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है:-

A Photograph Of A Newly Married Hindu Wo T3Fqrxhzr6Iy011Vugdkdq Rrrhb4Oarlst75Dc736Fyq
Nirjala ekadashi 2025 : इस पूर्ण विधि के साथ नवविवाहिता रख सकती है निर्जला व्रत 3

– व्रत का संकल्प और पूर्वरात्रि तैयारी

निर्जला एकादशी व्रत से एक दिन पहले (दशमी तिथि की रात्रि) सात्विक भोजन ग्रहण करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें, सोने से पहले भगवान विष्णु का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें – “हे विष्णु, मैं निर्जला एकादशी का व्रत कल विधिपूर्वक करूंगी
मुझे शक्ति और आशीर्वाद दें”

– स्नान और पूजा की शुद्ध विधि

प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें, शुद्ध वस्त्र धारण करें और घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें. भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीले वस्त्र पहनाएं, फूल, तुलसी, धूप और दीप से पूजा करें. केसर, चंदन और तुलसी पत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

– निर्जल उपवास का पालन

इस दिन जल, फल, भोजन – कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। यह उपवास अत्यंत कठिन है, लेकिन अत्यधिक फलदायी है. यदि स्वास्थ्य अनुमति न दे, तो फलाहार या केवल जल पर भी यह व्रत श्रद्धा से किया जा सकता है, विशेषकर नई दुल्हनों केलिए.

– एकादशी कथा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ

व्रत के दिन एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें। साथ ही भगवान विष्णु का सहस्रनाम, विष्णु स्तोत्र या भगवद गीता का पाठ करें. यह कार्य व्रत को पूर्णता प्रदान करता है और मानसिक बल भी देता है.

– अगले दिन पारण और दान

द्वादशी तिथि को ब्राह्मण या ज़रूरतमंदों को भोजन और जल का दान करें. स्वयं सूर्योदय के बाद स्नान कर, पूजा करके व्रत का पारण करें. नई दुल्हन यदि अपनी सास-ससुर को जल व फल अर्पित कर व्रत खोले तो घर में लक्ष्मी का वास होता है.

यह भी पढ़ें : Nirjala Ekadashi 2025 : इस दिन किया गया दान-पुण्य देता है अक्षय फल, जानिए निर्जला एकादशी की खासियत

यह भी पढ़ें : Nirjala Ekadashi 2025 के दिन करें ये 5 महत्वपूर्ण काम, व्रत सफल होने में मिलेगी मदद

यह भी पढ़ें : Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी के दिन ऐसी भूल से रहें वंचित, ध्यान में रखें अहम कारण

नई दुल्हन यदि श्रद्धा, संयम और विधिपूर्वक निर्जला एकादशी का व्रत रखे तो वैवाहिक जीवन में शुभता, पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि निश्चित होती है. यह व्रत भक्ति, तप और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है, जो जीवन में पुण्य का द्वार खोलता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel