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Nirjala Ekadashi Vrat katha: निर्जला एकादशी व्रत कथा को पढ़ें बिना आपकी पूजा रह जाएगी अधूरी, यहां पढ़ें…

Nirjala Ekadashi Vrat katha: ज्येष्ठ माह में मनाई जाने वाली निर्जला एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है. इसे करने से सभी एकादशियों के समान फल की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्री हरि की उपासना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. निर्जला एकादशी की पूजा तभी पूर्ण मानी जाती है जब इसमें कथा का पाठ किया जाए. इसलिए इस पवित्र दिन पर कथा पढ़ना अत्यावश्यक है. आइए, जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत की पौराणिक कथा.

Nirjala Ekadashi Vrat katha: निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और जीवन के दुखों को दूर करने के लिए व्रत रखा जाता है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है, जिसमें जल का सेवन नहीं किया जाता. इस कारण इसे सबसे कठोर व्रतों में गिना जाता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष निर्जला एकादशी व्रत 18 जून 2024 को मनाया जाएगा.

निर्जला एकादशी 2024 व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, भीमसेन अपने भाइयों में सबसे बड़े भोजन प्रेमी थे. उन्होंने वेद व्यास से अपनी कठिनाई बताई कि उनके सभी भाई भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत करते हैं, लेकिन उनके लिए हर महीने दो बार यह व्रत करना अत्यंत कठिन है. भीमसेन ने वेद व्यास से पूछा कि क्या कोई ऐसा व्रत है जिसे करने से स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए. वेद व्यास ने उत्तर दिया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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ऋषिवर व्यास जी ने कहा कि ज्येष्ठ पक्ष की शुक्ल एकादशी को निर्जला व्रत किया करो. स्नान आचमन को छोड़कर पानी का ग्रहण नहीं करना. आहार लेने से व्रत खंडित हो जाता है, इसलिये तुम आहार भी मत खाना. तुम जीवन पर्यंत इस व्रत का पालन करो. इससे तुम्हारे पूर्व जन्म में किए गए एकादशियों के वाले दिन खाये गये अन्न के कारण मिलने वाला पाप नष्ट हो जाएगा. इसके बाद भीमसेन ने यह कठोर व्रत किया. इस कारण से निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी और भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में जल का भी सेवन नहीं किया जाता, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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