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Raksha Bandhan 2025 : राखी बांधने से पहले करें ये मंत्र, स्नान और हवन? जानिए वैदिक राखी विधि

Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकल्प है, जो यदि वैदिक परंपरा और श्रद्धा से किया जाए तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है

Raksha Bandhan 2025 : रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को प्रेम, सुरक्षा और विश्वास के अटूट धागे में बांधता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर यह पर्व वैदिक विधि से मनाया जाए, तो इसका आध्यात्मिक लाभ और भी बढ़ जाता है? वर्ष 2025 में रक्षाबंधन विशेष योगों में आ रहा है, ऐसे में शास्त्रीय विधि से राखी बांधने से सुख, समृद्धि और शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं, अगर आप चाहते हैं कि इस रक्षाबंधन पर आपके रिश्ते में पॉजिटिव एनर्जी और आध्यात्मिक शक्ति का संचार हो, तो राखी बांधने से पहले इन धार्मिक कार्यों को जरूर करें:-

1. कब है रक्षाबंधन 2025 ?

रक्षाबंधन 2025 में 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा. यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा के संकल्प का प्रतीक होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं.

– सुबह स्नान करके लें शुभ संकल्प

रक्षाबंधन की शुरुआत सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान से करें. स्नान के दौरान पवित्र नदियों का स्मरण करते हुए यह मंत्र बोलें:

“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु”

स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और रक्षाबंधन का संकल्प लें कि आप यह पर्व अपने भाई या बहन की दीर्घायु, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए मना रहे हैं.

– देव पूजन और हवन करें

स्नान के बाद घर के पूजा स्थल पर भगवान गणेश, लक्ष्मी, विष्णु और कुलदेवताओं की पूजा करें. यदि संभव हो तो एक छोटा हवन करें. उसमें गाय के गोबर के उपले, गुग्गुल, कपूर, जौ और तिल की आहुति दें. हवन के समय “ओम अग्नये स्वाहा” जैसे वैदिक मंत्रों का उच्चारण करें. इससे घर का वातावरण पॉजिटिव और एनर्जी से भर जाता है.

– राखी बांधने से पहले करें रक्षा सूत्र मंत्र का जाप

राखी को पहले गंगाजल, हल्दी, केसर और दूध से शुद्ध करें और थाली में दीपक, रोली, अक्षत और मिठाई के साथ सजाएं. राखी बांधते समय यह रक्षा मंत्र अवश्य पढ़ें:

“ओम येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल”

यह मंत्र भाई की सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद देता है.

– तिलक, आरती और मिठाई से करें पूजन पूर्ण

राखी से पहले भाई के माथे पर रोली और अक्षत से तिलक करें. इसके बाद दीपक से आरती उतारें और उसे मिठाई खिलाएं. इस दौरान “ओम शुभं कुरु” जैसे मंगल मंत्र का उच्चारण करें. यह प्रक्रिया शुभता और भाई की सफलता के लिए अत्यंत फलदायक मानी जाती है.

– करें दान और लें आशीर्वाद

रक्षाबंधन पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. बहनें इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा देकर पुण्य कमा सकती हैं. वहीं भाई अपनी बहन को उपहार देकर उसके सम्मान और सुरक्षा का वचन देता है.

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रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकल्प है, जो यदि वैदिक परंपरा और श्रद्धा से किया जाए तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है. 2025 में आप भी वैदिक विधियों के अनुसार रक्षाबंधन मनाएं और अपने रिश्ते को दिव्य ऊर्जा से भर दें.

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