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Raksha Bandhan Vastu Tips: राखी बांधते समय किस दिशा में बैठना है सही? जान लें जरूरी नियम और उपाय

Raksha Bandhan Vastu Tips: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. शुभ फल पाने के लिए राखी बांधते समय सही दिशा में बैठना और कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है. जानें, वास्तु के अनुसार राखी बांधने की सही दिशा और जरूरी उपाय.

Raksha Bandhan 2025 Vastu Tips:रक्षाबंधन का पर्व केवल राखी बांधने की परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत करने का विशेष अवसर है. यह सिर्फ रेशमी धागे का बंधन नहीं, बल्कि विश्वास, दुआ और वचन का प्रतीक है. इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है, वहीं भाई उसकी सुरक्षा और खुशहाली का वचन देता है. रक्षाबंधन हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और वर्ष 2025 में यह शुभ पर्व 9 अगस्त, शनिवार को पड़ रहा है. खास बात यह है कि इस बार भद्रा दोष नहीं है, इसलिए पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा. परंपरा के साथ कुछ खास नियमों और वास्तु टिप्स का पालन करने से इस बंधन की पवित्रता और शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.

राखी बांधते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • भाई के सिर पर कपड़ा रखें: राखी बांधते समय भाई के सिर पर साफ कपड़ा या रुमाल रखना शुभ होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है.
  • टूटी या प्लास्टिक की राखी से बचें: अशुभ मानी जाने वाली राखियों की जगह सूती या पवित्र धागे वाली राखी का प्रयोग करें.
  • धातु की राखी सीधे न बांधें: यदि सोने या चांदी की राखी हो, तो पहले सूत की राखी बांधें और फिर उस पर धातु की राखी पहनाएं.
  • मुहूर्त का ध्यान रखें: भद्रा काल में राखी न बांधें, हालांकि इस बार भद्रा दोष नहीं है.
  • दाहिने हाथ पर राखी बांधें: राखी हमेशा दाहिने हाथ पर बांधी जाए और यह हाथ नीचे की ओर हो.
  • आशीर्वाद लें: राखी बांधने के बाद भाई को बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए.

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राखी में गांठों का महत्व

राखी बांधते समय तीन गांठें लगाने का विशेष महत्व है—

  • पहली गांठ: अच्छे स्वास्थ्य के लिए
  • दूसरी गांठ: सुख-शांति और समृद्धि के लिए
  • तीसरी गांठ: लंबी उम्र और रक्षा के लिए
  • ये तीनों गांठें त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और महेश — को समर्पित मानी जाती हैं.

सही दिशा का चयन

राखी बंधवाते समय भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है, जो जीवन, ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है. इससे राखी का प्रभाव और भी शुभ और प्रभावशाली हो जाता है.

  • रक्षाबंधन पर करने योग्य आसान उपाय
  • राखी बांधने से पहले तिलक और आरती करें.
  • पूजा थाली में रोली, चावल, दीया और मिठाई रखें.
  • राखी के बाद भाई को कुछ मीठा खिलाएं.
  • उपहार या दक्षिणा देकर व्रत को पूर्ण करें.

जन्मकुंडली, वास्तु और व्रत-त्योहार से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें:
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594 / 9545290847

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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