Rudrabhishek In Sawan 2025 : श्रावण मास शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और फलदायक समय होता है। इस महीने भगवान शिव की आराधना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. विशेष रूप से रुद्राभिषेक करना अति प्रभावशाली और मनोकामना पूर्ति वाला माना गया है. रुद्राभिषेक में पंचामृत, बेलपत्र, गंगाजल, शहद और दूध आदि सामग्रियों से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है. सावन 2025 में यह पूजा भाग्यवृद्धि, रोग नाश, संकट मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करने वाली मानी गई है. आइए जानते हैं रुद्राभिषेक की पावन विधि और उसके लाभ पाँच प्रमुख बिंदुओं में:-
– रुद्राभिषेक का धार्मिक महत्व
रुद्राभिषेक का उल्लेख पुराणों में महा फलदायक अनुष्ठान के रूप में किया गया है. भगवान शिव को जल, गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराना उनके रौद्र स्वरूप को शांत करता है और भक्त को कृपा प्राप्त होती है. सावन के सोमवार को किया गया रुद्राभिषेक विशेष रूप से कल्याणकारी होता है और शत्रु बाधाओं से मुक्ति दिलाता है.
– पंचामृत से करें भगवान शिव का अभिषेक
पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का सम्मिलन होता है. इसे अत्यंत पवित्र और अमृत तुल्य माना गया है. रुद्राभिषेक में पंचामृत का प्रयोग करने से व्यक्ति की जीवन यात्रा में मिठास, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह विधि सुख-शांति को स्थिर करती है.
– गंगाजल और बेलपत्र – दोहरे पुण्य का स्रोत
गंगाजल से अभिषेक करने पर जीवन के पापों का क्षय होता है, और आत्मा शुद्ध होती है. साथ ही, बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है. त्रिपत्रीय बेलपत्र अर्पित करने से मनोकामना पूर्ण होती है. रुद्राभिषेक में गंगाजल और बेलपत्र का संयोजन विशेष फल देता है.
– शुद्ध विधि और संकल्प
रुद्राभिषेक करते समय शुद्ध मन, स्वच्छ वस्त्र और सात्त्विकता आवश्यक है. “ओम नमः शिवाय” या “रुद्राष्टाध्यायी” का पाठ करते हुए अभिषेक करना चाहिए. साथ ही, संकल्प लें कि आप यह अभिषेक किसी विशेष उद्देश्य – जैसे नौकरी, विवाह, संतान सुख या कर्ज से मुक्ति – हेतु कर रहे हैं.
– भाग्यवृद्धि और ग्रहदोष से मुक्ति
रुद्राभिषेक से कुंडली के ग्रहदोष शांत होते हैं. विशेषकर चंद्र और राहु दोष से मुक्ति मिलती है. व्यापार में वृद्धि, नौकरी में सफलता, पारिवारिक सुख और मानसिक शांति जैसे फल प्राप्त होते हैं. सावन में यह अनुष्ठान करने से भगवान शिव की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है.
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सावन 2025 में श्रद्धा और विधिपूर्वक किया गया रुद्राभिषेक आपके जीवन को सौभाग्य, समृद्धि और आध्यात्मिक आनंद से भर सकता है. पंचामृत, बेलपत्र और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर आप शिव कृपा के अधिकारी बन सकते हैं.