Rudrabhishek In Sawan 2025 : सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का सर्वाधिक पावन काल होता है. इस महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ माध्यम माना जाता है. रुद्राभिषेक के दौरान जल, दूध, बेलपत्र, भस्म आदि अर्पण करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. आइए जानते हैं ऐसी चीजें जो रुद्राभिषेक के समय महादेव को अर्पित नहीं करनी चाहिए:-
– तुलसी के पत्ते
भगवान विष्णु को अति प्रिय तुलसी को शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना गया है. स्कंद पुराण के अनुसार, तुलसी देवी ने शापवश शिव पूजन हेतु अयोग्य हो गई थीं. अतः शिवलिंग पर तुलसी पत्र चढ़ाना धार्मिक दृष्टि से निषिद्ध है और इससे शिव कृपा नहीं मिलती.
– केतकी का फूल
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार केतकी के फूल ने भगवान ब्रह्मा का पक्ष लेकर झूठी गवाही दी थी, जिससे भगवान शिव ने इसे श्राप दिया कि यह कभी भी शिव पूजन में स्वीकार्य नहीं होगा. इसलिए रुद्राभिषेक या किसी भी शिव पूजन में केतकी का फूल अर्पण नहीं करना चाहिए.
– शंख से जल चढ़ाना
शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित करना वर्जित माना गया है. क्योंकि शंख समुद्र मंथन से निकले लक्ष्मी और विष्णु से जुड़ा प्रतीक है, और शिव पुराण के अनुसार यह शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता. शंख से जल अर्पित करना शिव की पूजा के नियमों का उल्लंघन है.
– करेला या तीखी चीजें
भगवान शिव को सात्विक वस्तुएं प्रिय हैं. इसलिए करेले, मिर्च या अन्य तीखी वस्तुएं शिवलिंग पर चढ़ाना अनुचित है. ये वस्तुएं तामसिक प्रवृत्ति की मानी जाती हैं जो शिव पूजा की सात्विकता को भंग करती हैं.
– चावल बिना धोए
रुद्राभिषेक में कच्चा चावल चढ़ाना शुभ होता है, लेकिन यदि चावल बिना धोए हों या टूटे हुए हों, तो उन्हें शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए. अशुद्ध या खंडित अक्षत को अर्पित करना पूजा दोष को जन्म देता है और इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
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रुद्राभिषेक करते समय सावधानीपूर्वक हर विधि और सामग्री का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है. जिन वस्तुओं को शास्त्रों में वर्जित कहा गया है, उनका उपयोग शिव पूजन में करने से पुण्य की बजाय पाप का भागी बना जा सकता है. इसलिए सावन 2025 में रुद्राभिषेक के समय इन चीजों को शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें और विधिपूर्वक महादेव का पूजन करें.