Shefali Jariwala Death Prediction: मशहूर अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला का बीती रात मुंबई में निधन हो गया.42 वर्षीय शेफाली फिट और स्वस्थ जीवनशैली के लिए जानी जाती थीं. शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मौत का संभावित कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है, हालांकि इस संबंध में अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. उनके अचानक निधन की खबर ने फैन्स और इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है.
छाबड़ा के पॉडकास्ट का एक पुराना वीडियो वायरल
इस दौरान पारस छाबड़ा के पॉडकास्ट का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कुंडली के आधार पर शेफाली जरीवाला की ‘अचानक मौत’ की ओर इशारा किया था. उनकी इस भविष्यवाणी को सुनकर नेटिज़न्स भी हैरान रह गए.
पारस nने जताई थी ये चिंता
पारस ने कहा था, “आपके आठवें भाव में चंद्र, बुध और केतु स्थित हैं. चंद्र और केतु का संयोजन बेहद नकारात्मक माना जाता है। यह भाव हानि, आकस्मिक मृत्यु, प्रसिद्धि, रहस्यों और तांत्रिक गतिविधियों से जुड़ा होता है. इसके साथ बुध की उपस्थिति मानसिक तनाव, तंत्रिका संबंधी समस्याओं की ओर इशारा करती है.”
अब शेफाली जरीवाला के 42 वर्ष की उम्र में हुए निधन के बाद, लोग पारस की इस भविष्यवाणी को चौंकाने वाली सटीकता मान रहे हैं.
जन्म कुंडली में आठवां भाव बताता है ये बात
जन्म कुंडली में आठवां भाव रहस्य, अचानक घटनाएं, दीर्घकालिक रोग, मृत्यु, पुनर्जन्म, तंत्र-मंत्र, मानसिक गहराई और शोध से जुड़ा होता है. जब इस भाव में चंद्र, बुध और केतु स्थित हों, तो व्यक्ति के जीवन पर गहरा और जटिल प्रभाव पड़ता है.
चंद्र करता है इन चीजों का प्रतिनिधित्व
चंद्र मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है. आठवें भाव में चंद्र का होना व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्थिर, अत्यधिक संवेदनशील और भीतर से डरपोक बना सकता है. ऐसा जातक अक्सर चिंता और अवसाद से ग्रस्त रह सकता है.
बुध है इन चीजों से संबंधित
बुध, जो तर्क, संवाद और नर्वस सिस्टम से संबंधित होता है, आठवें भाव में मानसिक विश्लेषण की प्रवृत्ति देता है. जातक गूढ़ विषयों, मनोविज्ञान, या रिसर्च में रुचि रख सकता है. लेकिन यदि बुध पीड़ित हो, तो तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं, भ्रम और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है.
केतु का जीवन पर प्रभाव
केतु एक रहस्यात्मक और आध्यात्मिक ग्रह है. यह भौतिकता से अलगाव, गहरे रहस्य, और आध्यात्मिक खोज की भावना पैदा करता है. आठवें भाव में इसका होना जातक को तंत्र, साधना या अतींद्रिय शक्तियों की ओर आकर्षित कर सकता है, लेकिन साथ ही अचानक घटनाएं या नुकसान का कारण भी बन सकता है.
जब ये तीनों ग्रह एक साथ आठवें भाव में हों, तो यह योग जातक को गूढ़ ज्ञान और आंतरिक शक्ति देने वाला हो सकता है, लेकिन मानसिक अशांति, स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे मिर्गी या नर्वस डिसऑर्डर) और जीवन में अप्रत्याशित मोड़ भी ला सकता है. उचित ज्योतिषीय उपाय और जीवनशैली में संतुलन बनाकर इन प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है.