27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Solah Shringar: क्यों करती हैं महिलाएं सोलह श्रृंगार? जानें इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Solah Shringar : सोलह श्रृंगार केवल सौंदर्य का साधन नहीं, बल्कि स्त्री की आत्मा, संस्कृति, धर्म और विज्ञान से जुड़ा हुआ महान प्रतीक है.

Solah Shringar : भारतीय संस्कृति में नारी को देवी स्वरूप माना गया है. जब कोई स्त्री सोलह श्रृंगार करती है, तो वह न केवल अपनी सुंदरता को निखारती है, बल्कि देवी लक्ष्मी और पार्वती की तरह दिव्यता प्राप्त करती है. ‘सोलह श्रृंगार’ का तात्पर्य है — वह 16 वस्तुएं या अंग श्रृंगार के जिनसे स्त्री अपने रूप, सौंदर्य, और शुभता को दर्शाती है. यह परंपरा न केवल धार्मिक रूप से महत्व रखती है, बल्कि इसके पीछे गहरे वैज्ञानिक कारण भी निहित हैं:-

– धार्मिक मान्यता: देवी रूप की अभिव्यक्ति

हिन्दू धर्म में सोलह श्रृंगार स्त्री को देवी लक्ष्मी, गौरी या राधा के रूप में पूज्य बनाने का प्रतीक है. जब विवाहित स्त्री इन श्रृंगारों से स्वयं को सजाती है, तो वह गृह लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती है. विशेष अवसरों, व्रतों और पूजन में स्त्रियों का सोलह श्रृंगार करना अनिवार्य माना गया है, जिससे देवी शक्ति की उपासना पूर्ण मानी जाती है.

– पति की दीर्घायु और सौभाग्य का प्रतीक

मंगलसूत्र, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, नथ और पायल जैसे श्रृंगार केवल सौंदर्य बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि यह स्त्री के सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का प्रतीक होते हैं. सिंदूर और बिंदी को विशेष रूप से पति की आरोग्यता और पारिवारिक सुख के लिए शुभ माना गया है.

– आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक महत्व

कई श्रृंगार अंग जैसे कि काजल, चंदन, महावर, इत्र आदि का शरीर पर औषधीय प्रभाव पड़ता है. उदाहरण के लिए, माथे पर बिंदी लगाने से ‘आज्ञा चक्र’ सक्रिय होता है जो मानसिक शांति और एकाग्रता देता है. पायल और बिछुए तांबे और चाँदी के बने होते हैं, जो शरीर की विद्युत ऊर्जा को संतुलित रखते हैं.

– मानसिक और आत्मिक संतुलन

सोलह श्रृंगार नारी के भीतर आत्म-विश्वास और सौंदर्यबोध को जागृत करता है. धार्मिक दृष्टि से यह आत्मा की पवित्रता और तन-मन के संतुलन का प्रतीक है. श्रृंगार करने से स्त्री मानसिक रूप से प्रसन्न रहती है और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

– सांस्कृतिक परंपरा और स्त्री की गरिमा

सोलह श्रृंगार भारतीय नारी की सांस्कृतिक पहचान है. यह उसकी मर्यादा, गरिमा और नारीत्व की पूर्णता का प्रतीक है. शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर की स्त्रियां श्रृंगारित रहती हैं, वहां मां लक्ष्मी वास करती हैं और वह घर सदा समृद्ध रहता है.

यह भी पढ़ें : Astro Tips For Married Women: शादीशुदा महिलाओं को ध्यान में रखनी चाहिए ये बातें, वैवाहिक रिश्ते के लिए है शुभ

यह भी पढ़ें : Kitchen Astrology: इन रंगों से सजाएं रसोईघर, मिलेगा सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा

यह भी पढ़ें : Astro Tips For Money : इन मंत्रों के जाप करने से कभी नहीं होगी धन की कमी

सोलह श्रृंगार केवल सौंदर्य का साधन नहीं, बल्कि स्त्री की आत्मा, संस्कृति, धर्म और विज्ञान से जुड़ा हुआ महान प्रतीक है. यह स्त्री को देवीत्व प्रदान करता है और उसके जीवन में सौभाग्य, प्रेम, शांति और शक्ति का संचार करता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel