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श्रद्धालुओं के लिए खोला गया महाबोधि मंदिर का गर्भगृह, बौद्ध गुरुओं ने की कोरोना वायरस के खात्मे के लिए विशेष पूजा

लॉकडाउन के कारण बंद किये गये महाबोधि मंदिर को अब श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. श्रद्धांलुओं को सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलान का पालन करना होगा. मंदिर परिसर में कोरोना वायरस को लेकर सैनिटाइज और साफ-सफाई की जा रही है. वहीं, मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

लॉकडाउन के कारण बंद किये गये महाबोधि मंदिर को अब श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. श्रद्धांलुओं को सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलान का पालन करना होगा. मंदिर परिसर में कोरोना वायरस को लेकर सैनिटाइज और साफ-सफाई की जा रही है. वहीं, मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. फिलहाल मंदिर परिसर की नवनिर्मित पश्चिमी चहारदीवारी के निचले हिस्से में रेड सैंड स्टोन से बनी अशोका रेलिंग लगायी जा रही है और इसके बाद ऊपरी हिस्से में जातक कथा से संबंधित स्टोन पैनल स्थापित किया जायेगा.

अभी मंदिर परिसर के बाहर लाल पैडस्टल की चहारदीवारी पर जातक कथा का स्टोन पैनल स्थापित किया हुआ है. मंदिर परिसर में होने वाले सौंदर्यीकरण के कार्यों के तहत गेट नंबर दो को भी तोड़ा जा रहा है और यहां पर सैंड स्टोन से निर्मित तोरण द्वार स्थापित किया जायेगा. फिलहाल गेट नंबर चार के रास्ते मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जा रहा है, जबकि निकास के लिए पहले से ही बीटीएमसी कार्यालय के समक्ष गेट बनाया जा चुका है. इसी रास्ते से लोग मंदि र में पूजा-दर्शन के बाद बाहर निकलते हैं.

महाबोधि मंदिर के गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. मंदिर खोलने के पहले बौद्ध गुरुओं ने विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना भगवान बुद्ध से किया, इस दौरान बौद्ध धर्म गुरुओं ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अदम्य साहस का संदेश दुनियां को दिया. बौद्ध गुरुओं ने कोरोना वायरस के खात्मे के लिए विशेष पूजा-अर्चना की.

बौद्ध गुरुओं का मानना है कि हमारे मानव अनुभव से पीड़ित कई शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक बीमारियों पर काबू पाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है. भगवान बुद्ध ने करुणा और दया का संदेश विश्व को दिया था. बौद्ध भिक्षुओं ने कहा प्रार्थना में बड़ी शक्ति है. हम भगवान बुद्ध के समक्ष प्रार्थना सभा कर रहे हैं. महामारी से निकलने के लिए बुद्ध के बताए रत्ना सुत्त का पाठ किया गया.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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