Vaishakh Purnima 2025 Date: वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में बेहद शुभ मानी जाती है. इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. खास बात ये है कि इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, साथ ही गौतम बुद्ध की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है. ऐसे में यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.
इस बार कब है वैशाख पूर्णिमा 11 या 12 मई?
लोगों के मन में सवाल है कि इस साल वैशाख पूर्णिमा 11 मई को मनाई जाएगी या 12 मई को? तो इसके लिए जानिए पंचांग के अनुसार सही समय-
क्या आपका नाम A से शुरू होता है? जानें कौन-से देवता हैं आपके लिए शुभ
हिंदू धर्म में व्रत और पर्वों की तिथि उदयकालीन तिथि के अनुसार मानी जाती है, यानी जिस दिन सुबह सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी, वही दिन पर्व का माना जाता है. इस आधार पर, वैशाख पूर्णिमा व्रत 12 मई 2025 को रखा जाएगा.
चंद्रमा का उदय 12 मई को शाम 5:59 बजे होगा, इसी समय चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है.
वैशाख पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा – आसान पूजन विधि
- अगर आप भी इस दिन व्रत या पूजा करना चाहते हैं, तो ये आसान विधि अपनाएं-
- सुबह जल्दी उठें और गंगाजल मिले जल से स्नान करें.
- स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और आदित्य मंत्रों का जाप करें.
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं.
- फल, फूल, खीर, पंचामृत आदि अर्पित करें.
- दिन में जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दान करें.
- किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं या गरीब व्यक्ति की मदद करें.
- इस दिन तमसिक भोजन जैसे मांस, लहसुन-प्याज आदि का पूरी तरह त्याग करें.
- दिन भर धर्म-कर्म, भजन-कीर्तन और ध्यान में मन लगाएं.
क्या है वैशाख पूर्णिमा का महत्व?
यह साल की दूसरी पूर्णिमा होती है, जो नरसिंह जयंती के बाद आती है. इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी होती है, जिसे भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाले विघ्न दूर हो जाते हैं.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847