22.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Vat Savitri Vrat 2025 : इस बार वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त सिर्फ कुछ घंटों का, जानिए सही समय

Vat Savitri Vrat 2025 : यहां वट सावित्री व्रत 2025 की धार्मिक जानकारी प्रमुख बिंदुओं में दी गई है, जिसमें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्त्व शामिल है.

Vat Savitri Vrat 2025 : वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म में विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत पावन और पुण्यदायक व्रत माना जाता है. यह व्रत पतिव्रता धर्म, अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना से किया जाता है. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण करती हैं. व्रत के माध्यम से वे माता सावित्री के आदर्शों का अनुकरण कर धर्म, भक्ति और प्रेम का प्रतीक बनती हैं:-

– व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

वट सावित्री व्रत 2025 में 26 या 27 मई, सोमवार या मंगलवार को मनाया जाएगा.

यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है.

इस बार व्रत का शुभ मुहूर्त कुछ ही घंटों का है, अतः श्रद्धालु महिलाओं को चाहिए कि व्रत व पूजा कार्य मुहूर्त में ही पूर्ण करें.

पूजा का श्रेष्ठ समय 26 मई को 12 बजकर 12 मिनट से हो रहा है, जो 27 मई को प्रात 8 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो रहा है (स्थानीय पंचांग के अनुसार मुहूर्त बदल सकता है).

– व्रत का धार्मिक महत्त्व

यह व्रत पतिव्रता स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु रखा जाता है.

वट सावित्री व्रत माता सावित्री की उस अमर कथा से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अपने तप, धर्म और भक्ति से यमराज को पराजित कर अपने पति सत्यवान को पुनः जीवनदान दिलवाया था.

वट वृक्ष (बड़ का पेड़) को इस दिन विशेष रूप से पूजने की परंपरा है, जो अक्षय सौभाग्य का प्रतीक माना गया है.

– व्रत की पूजा विधि

प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें.

वट वृक्ष के समीप जाकर लाल चुनरी, सिंदूर, रोली, मौली, जल, फल, फूल, कच्चा दूध, और पंचामृत आदि पूजन सामग्री लेकर पूजा करें.

वट वृक्ष के तने पर कच्चा सूत (मौली) लपेटते हुए 7, 11 या 21 बार परिक्रमा करें.

सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण करें या पाठ करें.

ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देने के बाद व्रत का समापन करें.

– जरूरी नियम व सावधानियां

व्रतधारी स्त्रियां इस दिन उपवास रखती हैं, और संध्या के बाद ही फलाहार या भोजन करती हैं.

किसी भी प्रकार का झूठ, छल, या अपवित्र कार्य वर्जित होता है.

मन, वचन, और कर्म से पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है.

– व्रत के पुण्य लाभ

इस व्रत से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और संतान-सुख की प्राप्ति होती है.
पति की आयु वृद्धि और पारिवारिक सुख-शांति के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी है.

यह व्रत मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि का माध्यम है तथा मोक्ष की ओर भी अग्रसर करता है.

यह भी पढ़ें : Jyeshtha Month 2025 : ज्येष्ठ माह में करें इन चीजों के दान, मिलेगा शुभ फल

यह भी पढ़ें : Vat Savitri Puja 2025 : महिलाएं इस वजह से रखती हैं वट सावित्री व्रत, जान लें पूजा

यह भी पढ़ें : Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये विशेष पूजा, जानें मुहूर्त और महत्व

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel