22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्रभात खबर के 25 साल : तकनीक ने बदली बिहार की खेती- किसानी, युवाओं का बढ़ा रुझान

पिछले ढ़ाई दशक में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव हुआ है. मौसम के बदलाव और कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़ते आधुनिकीकरण के कारण हमारे बुजुर्गों के समय की खेती और मौजूदा खेती में जमीन-आसमान का फर्क आ चुका है.

पिछले ढ़ाई दशक में एग्रीकल्चर के क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव हुआ है. मौसम के बदलाव और कृषि क्षेत्र में तेजी से बढ़ते आधुनिकीकरण के कारण हमारे बुजुर्गों के समय की खेती और मौजूदा खेती में जमीन-आसमान का फर्क आ चुका है. इतना ही नहीं पिछले 25 वर्षों में युवाओं का न सिर्फ रुझान एग्रीकल्चर व खेती के प्रति बढ़ा है, बल्कि ये नौजवान खेती-किसानी और बागवानी में बाकायदा कामयाबी की नयी इबारत भी लिख रहे हैं. उपजाऊ मिट्टी, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध संसाधन, अनुकूल भू-आकृति, श्रमशक्ति की उपलब्धता, आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल, उन्नत बीजों की उपलब्धता और विभिन्न सरकारी योजनाओं के कारण बिहार में कृषि का तेजी से विकास हुआ है. परिणाम रहा कि पिछले 25 वर्षों में राज्य में कृषि उत्पादन तीन गुना तक बढ़ गया है. समय के साथ बदलते खेती का तौर-तरीकों पर पेश है ‘काउंटडाउन 3’ में साकिब की रिपोर्ट.

एग्रीकल्चर के लिए योजनाएं

  • अनुदानित दर पर बीज वितरण

  • मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम

  • बीज ग्राम योजना

  • एकीकृत बीज ग्राम योजना

  • धान की मिनीकिट योजना

  • बिहार राज्य बीज निगम का सुदृढ़ीकरण

  • बिहार स्टेट सीड एंड आॅर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी को सहायक अनुदान

  • जैविक खेती प्रोत्साहन योजना

  • कृषि यांत्रीकरण

  • इ-किसान भवन का निर्माण

  • टाल विकास योजना

  • दियारा विकास योजना

  • किसान सलाहकार योजना

  • धान की कम्यूनिटी नर्सरी विकास

  • डीजल अनुदान वितरण

सरकारी सहायता से मिली मदद

प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों को कई बार आर्थि‍क क्षति उठानी पड़ती थी. इससे उन्हें काफी परेशानी होती थी. इसे लेकर बिहार सरकार ने बिहार राज्‍य फसल सहायता योजना की शुरुआत की. उन्‍हें आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना बनी है. इससे किसानों केा बड़ी राहत मिली है.

खेती में तकनीक का इस्तेमाल

खेतों में इस्तेमाल किए जाने वाले कृषि यंत्रों ने भी खेती से तौर तरीकों में जबरदस्त बदलाव लाया है. पहले खेती से जुड़े सभी कार्य बैलों से व मुख्यरुप से हाथों की मदद से पूरे किये जाते थे, लेकिन पिछले ढ़ाई दशकों में तेजी से विकसित हुए कृषि यंत्रों (ट्रैक्टर, कंबाइन मशीन) ने खेती में लोगों की मेहनत के साथ-साथ समय भी बचाया है.

क्रॉप कोर खेती का बढ़ा चलन

क्रॉप कोर खेती में सबसे पहले ड्रिप लाइन डाली जाती है. इसके बाद मल्चिंग बिछाई जाती है. जहां फसल या सब्जी लगाई जाती है, बीज के स्थान को छोड़कर बाकी जगह को पन्नाी से ढंक दिया जाता है. इसके बाद पौधे के आसपास नेट का कपड़ा लगा दिया जाता है. उत्पादन शुरू होने के बाद इसे हटा दिया जाता है.

जैविक खेती का बढ़ा दायरा

हरित क्रांति की शुरुआत के बाद से रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल की अंधी दौड़ शुरू हो गयी थी. जिसका लोगों की सेहत पर खराब असर पड़ रहा था. यही नहीं इससे जमीन तक बंजर होने लगी. इसलिए सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहित किया. क्योंकि जैविक खेती से पैदा उत्पाद सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते.

आॅर्गेनिक खेती के लिए योजनाएं

इस तरह की खेती को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार इस वक्त दो योजनाएं चला रही है. परंपरागत कृषि विकास योजना और पूर्वोत्तर क्षेत्र मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट. आज की तारीख तक दोनों का बजट 2952 करोड़ रुपये है. अगर आप आर्गेनिक खेती करना चाहते हैं तो परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत मदद मिलेगी.

क्रेडिट कार्ड ने दूर की पूंजी की कमी

खेती करने के लिए अब किसानों को बीज, उर्वरक, सिंचाई, मशीनों आदि की जरूरत होती है, ऐसे में उन्हें कृषि में निवेश करना होता है और इसमें पूंजी की कमी उनकी बड़ी समस्या थी. लेकिन पिछले 20-25 वर्षों में कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड आसानी से मिलने लगा है. बिहार में कृषि के लिए संस्थागत ऋण वितरण के कई माध्यम हैं.

लगातार बढ़ता गया सिंचित क्षेत्र

बिहार में अच्छी बारिश होती है और गंगा समेत इसकी विभिन्न सहायक नदियां जल संसाधन मुहैया करवाती हैं. भूतल सिंचाई योजना, बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना, लघु सिंचाई योजना, सात निश्चय 2- हर खेत को पानी योजना आदि के जरिये राज्य में सिंचाई क्षेत्र का लगातार विकास किया जा रहा है.

बेहतर बीजों का हो रहा इस्तेमाल

राज्य में कृषि का उत्पादन बढ़ने का एक बड़ा कारण बेहतर बीजों का इस्तेमाल भी है. किसान अब उन्नत किस्म के बीजों का इस्तेमाल अपने खेतों में कर रहे हैं. राज्य में बीज वितरण कार्यक्रम के जरिये धान और गेंहू के नये और उन्नत किस्म के बीजों के प्रयोग को बढ़ावा देने के सरकार सब्सिडी भी दे रही है.

कृषि में बिजली की बढ़ी उपलब्धता

राज्य में पिछले 25 वर्षों के दौरान खेती-किसानी में बिजली का इस्तेमाल काफी बढ़ा है. राज्य सरकार ने कृषि में बिजली के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हाल के वर्षों में कई काम किये हैं. इससे सिंचाई सुविधा का विकास हुआ है और अब कम बारिश होने पर भी फसलें लहलहाती हैं.

सब्सिडी से मिल रहा कई तरह का लाभ

बिहार की कृषि के विकास में आधुनिक मशीनों का बहुत बड़ा योगदान है. पिछले 20-25 वर्षों में बिहार के किसान तेजी से खेती के लिए आधुनिक मशीनों का प्रयोग करने लगे हैं. इससे जहां एक ओर कृषि पर लागत कम हुई है वहीं दूसरी ओर उत्पादन प्रक्रिया आसान हुई है और समय की बचत होने लगी है. कृषि के मशीनीकरण में राज्य सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं में बड़ी मदद की है.

युवाओं को भा रहा कृषि क्षेत्र

बिहार के शिक्षित युवाओं को भी अब कृषि क्षेत्र लुभा रहा है. राज्य में बड़ी संख्या में युवा कृषि विज्ञान से जुड़े कोर्सों में नामांकन ले रहे हैं. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े कोर्स भी युवाओं के बीच काफी डिमांड में हैं. राज्य के हजारों शिक्षित युवा आधुनिक तरीके से मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, फल और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. बिहार के युवाओं की एक बड़ी आबादी पढ़ाई लिखाई कर अब उन्नत तकनीक के साथ खेती कर रही है.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel