28.3 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Republic Day 2023 : भारत के संविधान निर्माण में 36 बिहारियों की रही अहम भूमिका

आज हम लोग अपना 74 वां गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट कर रहे हैं. गणतंत्र का मतलब है ‘गण का तंत्र’, अर्थात देश, समाज और परिवार के प्रति हम अपने दायित्वों का पालन पूरी निष्ठा एवं अनुशासन के दायरे में रहकर करें. क्योंकि नियमों के पालन में ही गणतंत्र की खूबसूरती झलकती है.

सुबोध कुमार नंदन,पटना. 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था. यही वजह है कि हर साल इस खास दिन की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. यह हर कोई जानता है कि भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ भीमराव आंबेडकर की अहम भूमिका रही. उन्हें देश के संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है, लेकिन संविधान को तैयार करने में आंबेडकर को सहायता करने वाले महान विभूतियों के बारे में शायद कम ही लोग जानते है. बता दें कि संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे, जिनमें 36 सदस्य बिहार के थे. इनमें से दो लोग डॉ राजेंद्र प्रसाद और सचिदानंद भी थे, इनके अलावा संविधान निर्माण में बिहार के और नामों के बारे में आइए जानते हैं.

बिहार के सपूतों ने लिया था हिस्सा – डॉ योगेंद्र कुमार वर्मा

पटना विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ लॉ के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र कुमार वर्मा कहते हैं भारत के संविधान निर्माण में बिहार के सपूतों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा इन्होंने अपनी उपस्थिति तथा भूमिका संविधान सभा ‘मैं’ संविधान के प्रमुख प्रावधान जैसे मौलिक अधिकार, नागरिकता, केंद्र राज्य संबंध, लोक स्वास्थ्य प्रस्तावना जैसे मुद्दों पर अपने सुझाव देकर किया, जिसमें मुख्य केटी शाह चंद्रिका, राम ब्रजेश्वर प्रसाद, पीके सेन, सच्चिदानंद सिन्हा आदि हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में संविधान सभा द्वारा ही चुने गये थे तथा डॉ सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के पहले अस्थायी कार्यकारी अध्यक्ष थे. बाबू जगजीवन राम भारत के उप प्रधानमंत्री के रूप में तथा सत्येंद्र नारायण सिन्हा बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका भारतीय राजनीति में अदा किया.

कई लोग आज विस्मृत हो गये हैं – वरिष्ठ अधिवक्ता मो मुश्ताक आलम

पटना हाइ कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और विधि विशेषज्ञ मोहम्मद मुश्ताक आलम कहते हैं बिहार प्रतिभावान लोगों की भूमि रही है. जिसका ज्वलंत उदाहरण संविधान निर्माण प्रक्रिया में भी साफ झलकता है. श्री कृष्ण सिंह, श्री अनुग्रह नारायण सिंह, बाबू जगजीवन राम जैसे मूर्धन्य राजनीतिज्ञों के अलावा कई ऐसे लोग भी संविधान सभा शामिल थे, जिनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. आज वस्तुस्थिति यह है तत्कालीन बिहार के कुल 36 विभूति इस संविधान सभा में शामिल थे, पर कुछ लोगों को छोड़ कर कई लोग आज विस्मृत हो गये और उनकी चर्चा तक नहीं होती.

दरभंगा के महाराजा कामेश्वर सिंह, जयपाल सिंह,जगत नारायण लाल, राम नारायण सिंह, सत्यनारायण सिन्हा, श्याम नंदन सहाय, ब्रजेश्वर प्रसाद जैसे बुद्धिजीवी भी इस संविधान सभा के सदस्य रहे लेकिन आज यह बात अधिकांश लोगों को याद नहीं रहा. देश के बंटवारे के बाद भारत में कुल 299 सदस्य बचे, जिसमें कुछ सदस्य मनोनीत थे. इसी संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया गया जिसे आज गणतंत्र दिवस पर भी हम पूरे देश में शान से फहराते हैं.

Also Read: बिहार की 3 हस्तियों को पद्मश्री, सुपर 30 के आनंद कुमार, नालंदा के कपिलदेव और मधुबनी की सुभद्रा होंगी सम्मानित
योगदान को भुलाया नहीं जा सकता – एडवोकेट आशीष प्रसाद

एडवोकेट आशीष प्रसाद कहते हैं, तत्कालीन एकीकृत बिहार एवं आज के झारखंड से भी कई विभूति सभा में शामिल थे, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. बोनिफेस लकड़ा, देवेंद्र नाथ सामंत, कृष्ण बल्लभ सहाय, श्री अमिय कुमार घोष, यदुवंश सहाय, श्री विनोदानंद झा की संविधान के निर्माण में अहम भूमिका होने के बावजूद भी अब वे केवल यादों में बसे है. कालांतर में डॉ कृष्ण सिंह, विनोदानंद झा, कृष्ण बल्लभ सहाय ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा की.

हैरान करने वाली बात यह है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे. 25 जनवरी 1950 को उनकी बहन का निधन हो गया, अगले दिन संविधान लागू होना था. उन्होंने संविधान लागू होने के बाद ही बहन की अंत्येष्टि की. सच्चिदानंद सिन्हा बिहारी अस्मिता का बोध जगाने वाले पहले नेता हैं. 21 साल की उम्र में लंदन से वकील बनकर लौटने पर 1891-92 में अलग बिहार की मांग की और बिहार प्रांतीय सभा का गठन किया. सिन्हा संविधान सभा नियमावली निर्माण के अस्थायी अध्यक्ष थे, पर बीमारी की वजह से यह दायित्व उन्हीं के कहने पर डॉ राजेंद्र प्रसाद को मिला.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel