28.7 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रोचक प्रसंग- जब 1952 के प्रथम आम चुनाव में पंडित नेहरू और जेपी पूर्णिया में हुए आमने-सामने…

पूर्णिया: 1952 के प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पूर्णिया सदर विधानसभा सीट के लिए कमलदेव नारायण सिन्हा को उम्मीदवार चुना गया. प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी सोसलिस्ट पार्टी थी. कांग्रेस से अलग होकर बड़े-बड़े नेता सोसलिस्ट पार्टी में सक्रिय थे. कांग्रेस की ओर से पंडित जहवाहर लाल नेहरू चुनाव प्रचार के लिए आये थे, जबकि सोशलिस्ट पार्टी को जयप्रकाश बाबू का नेतृत्व प्राप्त था. दोनों नेताओं की पूर्णिया में सभा हुई. नरसिंह सिंह तथा मोहित लाल पंडित जिन्हें 1942 की अगस्त क्रांति में रूपौली कांड में आजीवन कारावास की सजा मिली थी, वैसे लोग पूर्णिया में चुनाव के मैदान में थे.

पूर्णिया: 1952 के प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पूर्णिया सदर विधानसभा सीट के लिए कमलदेव नारायण सिन्हा को उम्मीदवार चुना गया. प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी सोसलिस्ट पार्टी थी. कांग्रेस से अलग होकर बड़े-बड़े नेता सोसलिस्ट पार्टी में सक्रिय थे. कांग्रेस की ओर से पंडित जहवाहर लाल नेहरू चुनाव प्रचार के लिए आये थे, जबकि सोशलिस्ट पार्टी को जयप्रकाश बाबू का नेतृत्व प्राप्त था. दोनों नेताओं की पूर्णिया में सभा हुई. नरसिंह सिंह तथा मोहित लाल पंडित जिन्हें 1942 की अगस्त क्रांति में रूपौली कांड में आजीवन कारावास की सजा मिली थी, वैसे लोग पूर्णिया में चुनाव के मैदान में थे.

देवनाथ राय सोसलिस्ट पार्टी की ओर से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार

यहां के संपन्न और प्रभावशाली व्यक्ति देवनाथ राय सोसलिस्ट पार्टी की ओर से प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार थे. 1952 के प्रथम आम चुनाव में हमें कांग्रेस पार्टी की ओर से मात्र पांच सौ रुपये की सहायता मिली थी. कांग्रेस पार्टी की तरफ से कुछ पर्चा तथा पोस्टर मिला था. जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से कुल चार-पांच दिन क्षेत्र में दौरा करने के लिए मोटरकार मिली थी. चुनाव की लड़ाई स्थानीय कांग्रेस कमेटी के मार्गदर्शन में लड़ी जा रही थी. कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव में पैदल तथा बैलगाड़ी से प्रचार कार्य कर रहे थे. सभी पोलिंग स्टेशनों में प्रचार तथा बूथ खर्च का भार स्थानीय लोगों ने उठा लिया था.

पैदल, साइकिल तथा बैलगाड़ी चुनाव प्रचार का था साधन

करीब तीन महीना का पूरा समय चुनाव प्रचार में लगा था. पैदल, साइकिल तथा बैलगाड़ी साधन थे. रात-दिन एक गांव से दूसरे गांव में घूमा करते थे. देहात में कोई सड़क नाम की चीज नहीं थी. सोसलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने धनी होने के नाते सभी प्रमुख स्थान पर अपना चुनाव कैंप खोल रखा था. जत्था के जत्था गांव-गांव में घूम कर वे अपना प्रचार कर रहे रहे थे. मुकाबला सचमुच में जबर्दस्त लग रहा था.

प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू व जयप्रकाश नारायण की सभा

कांग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का दौरा पूर्णिया में हुआ था. कोर्ट स्टेशन के पास हवाई अड्डे पर वे उतरे थे और वहीं मैदान में भाषण हुआ था. लोगों की अपार भीड़ थी. इधर, जयप्रकाश नारायण की सभा गुलाबबाग में हुई थी. वहां भी बड़ी भीड़ थी. विशेषत: गरीब तबकों की.

एक दिन में चुनाव समाप्त नहीं होता था

मतदान चार जनवरी, 1952 से प्रारंभ हुआ. प्रथम दिन गढ़िया बलुआ के मतदान केंद्र से पोलिंग शुरू हुई.उस समय एक दिन में चुनाव समाप्त नहीं होता था. कई दिन बीच में बाद देकर दूसरे मतदान केंद्र में वोटिंग होती थी. इस तरह 4 जनवरी से प्रारंभ होकर अंतिम मतदान 23 जनवरी को संपन्न हुआ. 24 जनवरी को वोटों की गिनती हुई और सिन्हा चुनाव जीत गये. उन्हें 13,044 वोट मिले थे और देवनाथ बाबू को 6,090 वोट मिले थे.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel