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कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला अधवारा और महानंदा खतरे के निशान से ऊपर, गंगा का जलस्तर घटा
बिहार में कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा और महानंदा नदियां गुरुवार को खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं. इन सभी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव की संभावना है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर घट रहा है. हालांकि, गुरुवार को भी गंगा नदी कहलगांव में खतरे के निशान से छह सेंमी ऊपर बह रही थी. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर खगड़िया जिले के बलतारा में खतरे के निशान से 190 सेमी ऊपर और कुरसेला में खतरे के निशान से 12 सेमी ऊपर था. इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. गंडक नदी का जलस्तर गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से 134 सेमी ऊपर था. बूढ़ी गंडक नदी लालबेगिया घाट में खतरे के निशान से 80 सेमी, सिकंदरपुर में 138 सेमी, समस्तीपुर रेल पुल के पास 222 सेमी, रोसड़ा में 325 सेमी और खगड़िया में खतरे के निशान से 75 सेमी ऊपर बह रही थी. बागमती नदी ढेंग ब्रिज में 24 सेमी, रुन्नीसैदपुर में 229 सेमी, बेनीबाद में 93 सेमी और हायाघाट में खतरे के निशान से 212 सेमी ऊपर बह रही थी. इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. कमला बलान का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 33 सेमी ऊपर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से 97 सेमी ऊपर था. अधवारा समूह की नदियां कमतौल में 73 सेमी और एकमीघाट में खतरे के निशान से 185 सेमी ऊपर बह रही थी. महानंदा नदी ढेंगराघाट में 90 सेमी और झावा में 53 सेमी ऊपर बह रही थी.
दरभंगा के बाढ़ग्रस्त सिंहवाड़ा प्रखंड के कई टोलों में घुसा बाढ़ का पानी
दरभंगा के बाढ़ग्रस्त सिंहवाड़ा प्रखंड की निस्ता पंचायत का नासिरगंज निस्ता, भिरहा आदि टोला पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है. दो दर्जन से ज्यादा लोगों का घर पानी से पूरी तरह घिर चुका है. कई लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग ऊंचे स्थानों और सड़कों के किनारे शरण लिये हुए हैं. बाढ़ से पंचायत के लोग परेशान हैं. लेकिन, कमतौल-भरवाड़ा पथ के किनारे निस्ता टोले वासियों की परेशानी थोड़ी अलग है. उन्हें आवश्यक काम से घर आने-जाने के लिए जुगाड़ का नाव ही सहारा है. पानी से घिरे टोले के लोग जैसे-तैसे दिन गुजार रहे हैं. लोगों के अनुसार भगवान ही उनका सहारा है.
गंडक के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में एक फीट बढ़ा पानी, अगले 24 घंटे में और बढ़ोतरी की संभावना
सारण में एक बार फिर गंडक का जलस्तर पिछले 24 घंटे में एक फीट बढ़ा है. वहीं, शुक्रवार दोपहर तक जलस्तर के धीमे ही सही परंतु बढ़ोतरी की संभावना है. ऐसी स्थिति में जल संसाधन विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन लगातार गंडक के किनारे के तटबंधों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है. जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार द्वारा नेपाल द्वारा छोड़े गये साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी के गंडक नदी के सारण क्षेत्र में धीमा ही सही लेकिन पहुंचने के बाद जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. उन्होंने यह भी बताया कि गंगा, सोन तथा सरयू नदी जो छपरा जिले के दक्षिण तथा पश्चिम में अवस्थित है. इन नदियों में जलस्तर में बढ़ोतरी काफी धीमी हो रही है तथा यह नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे है. जिसे लेकर सतर्कता बरती जा रही है.
बांध को क्षतिग्रस्त करनेवालों पर प्राथमिकी
जल संसाधन विभाग से मिली सूचना के अनुसार मोतिहारी में बूढ़ी गंडक के दाएं तटबंध के किमी 16-18 के बीच बैरिया गांव में ग्रामीणों द्वारा रिटायर बांध को क्षति पहुंचाई गई है. ऐसा करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
बाढ़ पीड़ितों के लिए विराट ने की प्रार्थना
