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केके पाठक को पद से हटाने की मांग, सुशील मोदी बोले- ऐसे अधिकारी शिक्षा के सुधार में बाधक, सरकार की हो रही फजीहत

सुशील मोदी ने कहा कि एसीएस के के पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला है, तब से विभाग किसी न किसी विवाद में है. उन्होंने कहा कि पहले के के पाठक शिक्षा मंत्री से टकराए, जिसके कारण मंत्री 22 दिनों तक कार्यालय नहीं आये.

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को उनके पद से हटाए जाने की लगातार मांग उठ रही है. बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बाद अब बीजेपी द्वारा यह मांग की गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने यह मांग करते हुए कहा है कि राज्य सरकार केके पाठक को तुरंत हटाये या वे खुद तबादला ले लें. क्योंकि राज्य सरकार शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को हटाने में जितनी देर करेगी, उतनी ही फजीहत होगी. शिक्षा में सुधार के राजभवन के प्रयास में उतनी ही बाधाएं आती रहेंगी.

के के पाठक शिक्षा मंत्री से टकराए : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि एसीएस के के पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला है, तब से विभाग किसी न किसी विवाद में है. उन्होंने कहा कि पहले के के पाठक शिक्षा मंत्री से टकराए, जिसके कारण मंत्री 22 दिनों तक कार्यालय नहीं आये. फिर चार साल के डिग्री कोर्स का विरोध कर शिक्षा विभाग राजभवन से भिड़ गया.

राज्यपाल के अधिकार को चुनौती देना एक एसीएस के ऐसे आचरण : सुशील मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विवि के कुलपति-प्रति कुलपति का वेतन रोक देना, छह कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राजभवन के विज्ञापन के दो सप्ताह बाद शिक्षा विभाग से भी विज्ञापन जारी करना, रक्षाबंधन सहित कई हिंदू त्योहारों की छुट्टी रद करना और कुलाधिपति-सह-राज्यपाल के अधिकार को चुनौती देना एक एसीएस के ऐसे आचरण हैं, जिन पर मुख्यमंत्री को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.

केके पाठक के कई विवादास्पद आदेश सरकार को लेने पड़े वापस : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि अब यदि सरकार की मंशा शिक्षा मंत्री और राजभवन को काम न करने देने की ही हो, तब तो शिक्षा विभाग में किसी बदलाव की आशा करना व्यर्थ है. उन्होंने कहा कि वीसी का वेतन रोकने से लेकर स्कूलों में छुट्टियां रद करने तक केके पाठक के कई विवादास्पद आदेश सरकार को अंतत: वापस लेने पड़े. 2010 में इन्हें शिक्षा विभाग से हटना पड़ा था. ये किसी विभाग में आठ-10 माह से ज्यादा टिक नहीं पाते. सुशील मोदी ने कहा कि जब के के पाठक के आदेश बार-बार वापस लेने पड़े, तब उन्हें आत्म सम्मान की रक्षा के लिए स्वयं ही मुख्यमंत्री से किसी अन्य विभाग में तबादले का आग्रह करना चाहिए.

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जिन सरकारों ने पिछड़ों को आरक्षण दी, उन सभी में भाजपा की सहभागिता : सुशील मोदी

इससे पहले सांसद सुशील कुमार मोदी ने पिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि आज सत्ता के लिए आरक्षण के विरोधी लोग एक साथ खड़े हो गये हैं. आज तक जिन-जिन सरकारों ने पिछड़ों को आरक्षण दिया है, उन सभी सरकारों में भाजपा की सहभागिता रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते कोई आरक्षण नहीं छीन सकता है.

‘इंडिया ’ अंग्रेजों का दिया हुआ नाम : सुशील मोदी

वहीं जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के लिए अंग्रेजी में लिखे आमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत ’ लिखे जाने के विरोध पर सुशील मोदी ने कहा कि यह भी सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरोध की गहरी राजनीति का हिस्सा है. यह देश सदियों से भारत है, जबकि ‘इंडिया ’अंग्रेजों का दिया हुआ नाम है.

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पीएम मोदी तो बहाना, सनातन धर्म विपक्ष का असली निशाना : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने की हद पार करते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का भी विरोध करने पर उतर गये हैं. चूंकि संविधान मूलत: अंग्रेजी में लिखा गया, इसलिए उसमें भारत और इंडिया, दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ. दोनों शब्द संवैधानिक हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं है और नाम का अनुवाद नहीं होता, लेकिन अगर हम 75 साल अपने देश भारत को अंग्रेजी में इंडिया लिखते आ रहे हैं, तो इसे ही सही नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि हम भारत माता की जय बोलते हैं. विपक्ष अगर इंडिया माता की जय बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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