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BPSC और केके पाठक का विवाद पहुंचा संविधान तक, आयोग ने शिक्षा विभाग को भविष्य में पत्र न लिखने की दी हिदायत

BPSC और केके पाठक की लड़ाई अब संविधान तक पहुंच गई है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र के जवाब में आयोग के सकीव ने एक चीथी लिखी है. इस पत्र में आयोग के सचिव रवि भूषण ने शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दो टूक हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह के पत्राचार की धृष्टता न की जाये.

बिहार शिक्षा विभाग व बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) में शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर ठन गई है. बात इतनी बढ़ गई कि संविधान तक पहुंच गई. इतना ही नहीं आयोग के सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सख्त पत्र लिख कर भविष्य में चिट्ठी न लिखने की हिदायत दे डाली. दरअसल शिक्षकों को प्रमाण पत्र सत्यापन के कार्य में लगाने पर केके पाठक ने आपत्ति जताते हुए सभी जिलाधिकारियों का पत्र लिखा था. अब इस मामले में बीपीएससी की ओर से पत्र लिख पलटवार किया गया है. वहीं इससे पहले आयोग के चेयरमैन ने भी सोशल मीडिया पर बिना केके पाठक का नाम लिए उनपर निशाना साधा था.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक को संविधान के प्रावधानों को पढ़ने की नसीहत

बीपीएससी के सचिव रविभूषण ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र लिखा है. इस चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दो हिदायत दी है कि अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन आयोग की आंतरिक प्रक्रिया है. आयोग शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन नहीं है. अगर यह स्पष्ट न हो तो संविधान के प्रावधानों का अध्ययन कर लिया जाये. रवि भूषण ने शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक को दो टूक हिदायत दी है कि भविष्य में इस तरह के पत्राचार की धृष्टता न की जाये.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बीपीएससी को लिखा था पत्र

बता दें कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बीपीएससी को एक आधिकारिक पत्र लिख कर दस्तावेज सत्यापन में लगे अफसरों को कार्य मुक्त कर विभाग को वापस करने के लिए कहा था. पत्र में इसकी तमाम वजह भी बतायी गई थीं. इस पत्र पर सख्त आपत्ति व्यक्त करते हुए बीपीएससी के सचिव ने यह चिट्ठी माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखी है.

आयोग की आंतरिक प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह लगाना असंवैधानिक

बीपीएससी सचिव रविभूषण ने दो टूक लिखा कि पता होना चाहिए कि आयोग की आंतरिक प्रक्रिया के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लगाना या इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप करना और इस प्रकार से आयोग पर दबाव डालने का प्रयास करना असंवैधानिक, अनुचित और अस्वीकार्य है. सचिव ने लिखा है कि आश्चर्य है कि शिक्षा विभाग को इन सब प्रावधानों का पता होने के बाद भी बिना प्रमाण पत्रों के सत्यापन के ही आयोग से अनुशंसा की अपेक्षा की जा रही है.

सत्यापन की दो स्तरीय प्रचलित व्यवस्था

सचिव रविभूषण ने प्रमाण पत्रों की सत्यापन की दो स्तरीय प्रचलित व्यवस्था बताते हुए साफ किया कि आयोग की तरफ से दस्तावेजों का सत्यापन परीक्षा फल प्रकाशन से पहले किया जाता है. इसके बाद सफल अभ्यर्थियों के नियोजन के समय सत्यापन अधियाची विभाग करता है. यह प्रक्रिया एक दूसरे की पूरक हैं. बिना अपने स्तर से सत्यापन कार्य के आयोग की तरफ से न कोई अनुशंसा की जा सकती है, और न कोई डोसियर दिया जा सकता है.

सत्यापन कार्य में राज्य सरकार हमेशा सहयोग करती रही है

सचिव रविभूषण ने साफ किया कि आयोग के इस सत्यापन कार्य में राज्य सरकार हमेशा सहयोग करती रही है. इसके लिए वह किस विभाग के किस पदाधिकार या कर्मी को प्रतिनियुक्त करती है, यह राज्य सरकार का विषय है. इस संंबध में कोई आपत्ति या अनुरोध राज्य सरकार से किया जाना चाहिए.

जिन तत्वों ने टीचर रिक्रूटमेंट को रद्द कराने की कोशिश की, उन्हें अपने प्रयास जारी रखने चाहिए- अतुल प्रसाद

इधर शिक्षा विभाग और मुख्य सचिव की तरफ से शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षक भर्ती संबंधी दस्तावेज सत्यापन कार्य से मुक्त करने के संदर्भ में बीपीएससी को लिखे पत्र के संदर्भ में बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया एक्स के जरिये कटाक्ष किया है . उन्होंने पोस्ट कर कहा कि सरकार अपने अधिकारियों की नियुक्ति करती है और बाद में बदलाव करती है. इससे हमें कोई सरोकार नहीं है. लेकिन इस बहाने जिन तत्वों ने हमारे टीचर रिक्रूटमेंट एक्जामिनेशन-दस्तावेज सत्यापन को रद्द कराने की कोशिश की है, उन्हें अपना प्रयास लगातार जारी रखना चाहिए.

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बीएड डिग्री धारियों को चिंता करने की जरूरत नहीं – अतुल प्रसाद

दूसरी तरफ अतुल प्रसाद ने बीएड अभ्यर्थियों के पूछे गये सवालों का जवाब भी सोशल मीडिया एक्स के जरिये दिया है. उन्होंने कहा है कि बीएड डिग्री प्रमाण पत्र एसटीइटी से पहले प्राप्त किये गये हैं या उसके बाद, यह ऑनलाइन आवेदन प्रणाली से आसानी से पता लगाया जा सकता है. टीचर रिक्रूरमेंट उम्मीदवारों को इसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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