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बिहार में डेंगू का प्रकोप, भागलपुर और पटना में सबसे ज्यादा मामले, अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण में जनभागीदारी भी बहुत आवश्यक है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से लगातार काम किया जा रहा है.

बिहार में एक बार फिर से डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार तक राज्य में डेंगू के कुल 293 केस मिले हैं. इसमें सर्वाधिक 105 डेंगू के केस भागलपुर जिले में मिले हैं जबकि राजधानी पटना में 91 डेंगू के मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी रोकथाम को लेकर लगातार जागरूकता और छिड़काव का काम किया जा रहा है.

पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर के प्रकोप का खतरा

स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण में जनभागीदारी भी बहुत आवश्यक है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. इसके अलावा नागरिकों को भी डेंगू से बचाव के लिए पहल करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पटना में छठ को लेकर निर्मित किये गये तालाबों में डेंगू अंडा देता है. उन्होंने बताया कि गमला, पुराने टायर, नारियल का खोखा और कबाड़ में रखी गयी रद्दी वस्तुओं में भी पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर के प्रकोप का खतरा है.

मुख्यमंत्री ने डेंगू रोधी दवा के छिड़काव का दिया आदेश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को डेंगू की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों से कहा कि डेंगू को लेकर अस्पतालों में बेडों की संख्या पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे. मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायें, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. मुख्यमंत्री ने सभी जगह डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से कराने का निर्देश दिया. उन्हाेंने कहा कि डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. सभी जगह साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें. लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार- प्रसार करायें. होर्डिंग, समाचार पत्रों एवं अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग कर लोगों को डेंगू से बचाव के लिए सचेत करने के निर्देश दें.

डेंगू बीमारी के लक्षण

तेज बुखार, बदन, सर व जोडों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर के त्वचा पर लाल धब्बा होना, नाक, मसूढों से या उल्टी के साथ खून निकलना, काला शौच होना आदि लक्षण है. डेंगू एवं चिकुनगुनिया के लिये इलाज के लिये सभी सरकारी अस्पतालों में जांच के लिये किट उपलब्ध है. साथ ही सभी प्रकार की जांच नि:शुल्क है.

पटना में यहां कराएं मुफ्त में डेंगू जांच

एम्स पटना, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस, आरएमआरआइ और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में डेंगू की जांच निशुल्क करा सकते हैं. इसके अलावा सभी प्राथमिक और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड किट से स्क्रीनिंग की सुविधा है. इसमें पाॅजिटिव आने वालों के सैंपल लेकर एलाइजा विधि से जांच की जाती है.

इन उपायों से डेंगू से रहें सुरक्षित

  • घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

  • कचरे को अपने घर में इकट्ठा न होने दें, इसे उचित स्थान पर फेंके

  • घरों के कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें व साफ रखें

  • कूलर का उपयोग नहीं होने की दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें

  • टीन के डिब्बे, कांच एवं प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर घर में न रखें

  • फ्रिज के ‘ड्रिप-पैन’ से पानी प्रतिदिन खाली करें.

  • पानी संग्रहित करने वाले टंकी, बाल्टी, टब आदि सभी को हमेशा ढंककर रखें.

  • घर में तथा आसपास साफ-सफाई अभियान के रूप में किए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए

वायरल बुखार व डेंगू में अंतर

  1. फिजिशियन डॉ एनपी नारायण ने बताया कि बारिश के मौसम में अक्सर मच्छर से होने वाली बीमारियां बढ़ने लगती हैं. ऐसे में अगर आपको बुखार आता है, तो इसे आम वायरल बुखार समझकर नजरअंदाज न करें और फौरन जांच करवाएं. डेंगू और वायरल बुखार दोनों बेहद अलग तरह की बीमारियां हैं. वायरल बुखार तीन से पांच दिनों तक रहता है, जिसमें ठंड लगना और शरीर में दर्द रहता है. ये बुखार जितनी जल्दी चढ़ता है, उतनी ही जल्दी उतर भी जाता है. यह या तो संक्रमित व्यक्ति द्वारा हवा में छींक या खांसी से छोड़ी गई बूंदों से होता है या किसी संक्रमित चीज को छू लेने से.

  2. वहीं, डेंगू का बुखार काफी अधिक जटिल है. यह टाइगर मच्छर (एडीज इजिप्टी) द्वारा फैलता है. मच्छर में काली और पीली धारियां होती हैं और यह आमतौर पर सुबह या भोर में काटते हैं. इनका वायरस सफेद रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करता है और प्रजनन करता है. वायरस के पांच अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक की गंभीरता बढ़ती है. डेंगू वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने या छूने से नहीं फैलता. डेंगू में बुखार काफी तेज होता है, मांसपेशियों और हड्डियों में बहुत दर्द होती है. यह बुखार कम से कम सात दिनों तक रहता है.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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