27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में फूड पार्कों का बनेगा नेटवर्क, मखाना और लीची के साथ इन उत्पादों पर रहेगा फोकस

केंद्रीय खाद्य प्रंसस्करण मंत्रालय आनेवाले दिनों में बिहार के कई मिनी फूड पार्कों की स्थापना होने जा रही है. केंद्र सरकार बिहार में फूड पार्कों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की योजना पर काम कर रही है.

पटना. केंद्रीय खाद्य प्रंसस्करण मंत्रालय आनेवाले दिनों में बिहार के कई मिनी फूड पार्कों की स्थापना होने जा रही है. केंद्र सरकार बिहार में फूड पार्कों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की योजना पर काम कर रही है. बिहार में मखाना, लीची और केला पर आधारित उत्पादों पर विशेष जोर है, लेकिन आलू और मक्का में भी संभावना तलाशी जा रही है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने इसके लिए सघन सर्वेक्षण का निर्देश दिया है.

50 करोड़ तक मिलेगा अनुदान

बिहार में इन नेटवर्क स्थापित करने के लिए भारत सरकार 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ तक का अनुदान देने जा रही है. सर्वेक्षण के जरिए खास इलाकों का चयन किया जाना है. कच्चा माल की उपलब्धता, गुणवत्ता, कोल्ड चेन नेटवर्क जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अनुदान के रूप में अच्छी राशि का प्रावधान है.

अन्य आधारभूत संरचनाओं का भी होगा विकास

बिहार में कोल्ड चेन नेटवर्क का भी अभाव है. इस ओर भी मंत्रालय का ध्यान है. बिहार में कोल्ड स्टोरेज, फ्रोजेन सेंटर या फ्रीज वैन का नेटवर्क स्थापित करने की योजना पर केंद्र सरकार पहल करने जा रही है. खाद्य उत्पादों पर आधारित उद्योगों की पैकेजिंग या दूसरे सहायक उद्योगों की संभावना पर भी विचार हो रहा है. इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों और शोध संस्थाओं की भी सेवा ली जाएगी.

क्या कहते हैं मंत्री

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार में मखाना, लीची, केला, आलू, मक्का पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बड़े पैमाने पर लगवाने की योजना हमारे मंत्रालय ने तैयार की है. इसके लिए मिनी फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे. सर्वेक्षण के आदेश दिए गए हैं. इस आधार पर अलग-अलग इलाकों को अलग-अलग उत्पादों के लिए चिह्नित किया जाएगा.

कैसे बनेगा मिनी फूड पार्क

मिनी फूड पार्क खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का एक परिसर होता है. वहां कई खाद्य प्रंसस्करण औद्योगिक इकाइयों को एक ही परिसर में लगाया जाता है. उनकी सुविधा के लिए परिसर में शीत संयंत्र, पैकेजिंग प्लांट और ग्राइंडिंग, रिफाइनिंग तथा क्वालिटी कंट्रोल के लिए परिसर में ही सहायक इकाई होती है. कोल्ड वैन जैसा लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मिलता है. इन सब पर हर उद्यमी के अलग-अलग निवेश नहीं करने के कारण उत्पादन लागत काफी कम हो जाती है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel