27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Pitru Paksha 2022: गयाजी में आज यहां होगा पिंडदान और तर्पण, जानें यहां धामी पंडा क्यों कराते हैं श्राद्ध

Pitru Paksha 2022: ब्राह्मणों ने जीविका के लिए भगवान ब्रह्मा से गुहार लगायी. तब ब्रह्मा जी ने कहा इस पहाड़ पर बैठ कर मेरे पांव पर जो पिंडदान करेगा, उसके पितर को प्रेतयोनि से मुक्ति मिलेगी.

Pitru Paksha 2022 in Gaya : प्रेतशिला के पास स्थित पत्थरों में छिद्र व दरारें हैं. इसके बारे में कहा जाता है कि इन पत्थरों के उस पार रोमांच व रहस्य की ऐसी दुनिया है, जो लोक व परलोक के बीच कड़ी का काम करती है. इन दरारों के बारे में ये कहा जाता है कि प्रेत आत्माएं इनसे होकर आती हैं. पितृपक्ष में अपने परिजनों द्वारा किये गये पिंडदान को ग्रहण कर वापस चली जाती हैं. कहा यह भी जाता है कि लोग जब यहां पिंडदान करने पहुंचते हैं, तो उनके पूर्वजों की आत्माएं भी उनके साथ यहां चली आती हैं.

प्रेतशिला से जुड़ी है यह दंत कथा

पितृपक्ष प्रेतशिला से जुड़ी एक दंत कथा है कि ब्रह्मा जी ने सोने का पहाड़ ब्राह्मण को दान में दिया था. सोने का पहाड़ दान में देने के बाद ब्रह्मा जी ने ब्राह्मणों से शर्त रखा था कि किसी से दान लेने से यह सोने का पर्वत पत्थर का हो जायेगा. किदवंती है कि राजा भोग ने छल से पंडा को दान दे दिया. इसके बाद ये पर्वत पत्थरों का बन गया. ब्राह्मणों ने जीविका के लिए भगवान ब्रह्मा से गुहार लगायी. तब ब्रह्मा जी ने कहा इस पहाड़ पर बैठ कर मेरे पांव पर जो पिंडदान करेगा, उसके पितर को प्रेतयोनि से मुक्ति मिलेगी. इस पर्वत पर तीन स्वर्ण रेखाएं हैं. कहा जाता है कि तीनों स्वर्ण रेखाओं में ब्रह्मा, विष्णु और शिव विराजमान रहेंगे. तबसे इस पर्वत का प्रेतशिला नाम पड़ा व ब्रह्माजी के पदचिह्न पर पिंडदान होने लगा.

धामी पंडा यहां कराते हैं श्राद्ध

गयाजी के दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित वेदी स्थलों पर गयापाल पंडाजी श्राद्ध व पिंडदान का कर्मकांड कराते हैं. लेकिन, प्रेतशिला, ब्रह्म सरोवर, रामकुंड, रामशिला, काकबलि, उत्तर मानस वेदी स्थलों पर धामी पंडा ही पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड कराते हैं. इनके नाम पर शहर में एक मुहल्ला भी है, जिसे धामी टोला कहा जाता है.

Also Read: Pitru Paksha: गयाजी में प्रेतशिला-रामशिला से प्रेत का आज उद्धार करेंगे पिंडदानी, जानें महत्वपूर्ण तिथियां
आज यहां होगा पिंडदान-तर्पण

सोमवार को पितामहेश्वर स्थित उत्तरमानस, उदीचि, कनखल, दक्षिणमानस (सूर्यकुंड) में जिह्वालोल में पिंडदान, तर्पण व गदाधर भगवान का पंचामृत स्नान कराया जायेगा.

ब्रह्मकुंड का विशेष महत्व

प्रेतशिला के नीचे ब्रह्मकुंड यानी ब्रह्म सरोवर स्थित है. इसके बारे में कहा जाता है कि इसका प्रथम संस्कार ब्रह्मा जी द्वारा किया गया था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel