23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Chhath Puja 2024: बिहार में नहाय खाय के साथ आज से शुरू महापर्व छठ, इन बातों का रखें ख्याल

Chhath Puja 2024: आज से नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो रहा है. हिंदू धर्म में किसी भी पर्व की शुरुआत स्नान के साथ ही होती है और यह पर्व भी स्नान यानी नहाय-खाय के साथ होता है.

Chhath Puja 2024: जमुई. चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ आज से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ अब देश एवं दुनिया भर में इस पर्व को बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इस महापर्व में नहाय-खाय के बाद अगले दिन खरना और फिर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास का पारण करते हैं. आज नहाय खाय को लेकर नदी, तालाब एवं अन्य जलाशयों में छठ व्रती स्नान करेंगे. घर में अरवा चावल चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाया जाएगा और भगवान सूर्य की उपासना की जाएगी. छठ को लेकर नहाय-खाय से एक दिन पूर्व सोमवार को लेकर जिले भर में चहल-पहल देखने को मिला. बाजारों में अप्रत्याशित भीड़ देखी जा रही है. लोग पूजा सामग्रियों की खरीदारी को लेकर बाजार आ रहे हैं. फल, नारियल, सूप, दौरा आदि की दुकानों से पूरा बाजार भरा हुआ है. बाजारों में पूरे दिन जाम की स्थिति भी बनी रही है.

छठ का कार्यक्रम

नहाय खाय: 05 नवंबर (मंगलवार)
खरना : 06 नवंबर (बुधवार)
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य : 07 नवंबर (गुरुवार)
उदीयमान सूर्य को अर्घ तथा पारण : 08 नवंबर (शुक्रवार)
07 नवंबर (मंगलवार) को सूर्यास्त का समय: शाम 05 बजकर 01 मिनट
08 नवंबर (मंगलवार) सूर्योदय का समय : सुबह 5 बजकर 56 मिनट

नहाय खाय के दौरान बरतें ये सावधानियां

हिन्दू धर्म में नहाय-खाय का विशेष महत्व है और अगर बात महापर्व छठ की हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इसलिए छठ के लिए नहाय-खाय करने के दौरान आवश्यक सावधानियां बरतने की आवश्यकता है. कर्मकांडी पंडित शत्रुघ्न आचार्य ने बताया कि नहाय-खाय के दिन सर्वप्रथम घर की पूरी साफ-सफाई कर लें. इस दिन सुबह नदी तालाब, कुआं या चापा कल में नहा कर शुद्ध साफ वस्त्र धारण करें. अगर घर के पास गंगा जी हैं तो नहाय खाय के दिन गंगा स्नान जरूर करें. यह बहुत ही शुभ होता है. श्री पांडेय आगे बताते हैं कि छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष को आज के दिन चने की दाल और लौकी की शुद्ध घी में सब्जी बनाना चाहिए. उसमें सेंधा शुद्ध नमक ही डालना चाहिये. इसके साथ बासमती शुद्ध अरवा चावल बनाना चाहिए. तत्पश्चात गणेश जी और सूर्य को भोग लगाकर ही व्रती को सेवन करने के बाद ही घर के सभी सदस्य को भी यही खाना चाहिए. छठ पर्व के दौरान घर के किसी भी सदस्य को मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

Also Read: Chhath Puja: सहरसा में छठ घाटों की सफाई अभियान तेज, नहाय खाय-खरना और संध्या अर्घ्य की तैयारी में जुटे श्रद्धालु

इन बातों का रखें ख्याल

आचार्य ने बताया कि नहाय-खाय के दिन व्रती को हमेशा साफ सुथरे और धुले कपड़े ही पहनना चाहिए. नहाय खाय से छठ समाप्त होने तक व्रती महिला और पुरुष को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. आचार्य श्री पांडेय आगे बताते हैं कि छठ के दौरान आसपास एक अलौकिक माहौल का सृजन होता है. हिन्दू धर्म में खासकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मनाया जाने वाला यह सबसे बड़ा पर्व है. इसके अलावा यह देश के अन्य राज्यों में भी बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है.

छठ गीतों से सराबोर हुआ शहर, भक्तिमय हुआ माहौल

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जिला मुख्यालय जमुई समेत जिले के घर-घर में छठ के गीत गूंजने लगे हैं. केलवा जे फरेला घवद से…, ओह पर सुगा मेड़राय…, आदित लिहो मोर अरगिया…, दरस देखाव ये दीनानाथ…, उगी है सुरुजदेव…, हे छठी मइया तोहर महिमा अपार…, कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाय… आदि छठ गीतों का धमाल है. भक्तिगीतों से संपूर्ण क्षेत्र के लोग भक्ति रस की गंगा में डुबकी लगाने लगे हैं. गीतों में आधुनिकता अवश्य आ गई है, लेकिन इन गीतों की लोकप्रियता में तनिक भी कमी नहीं आई है. छठ पूजा के गीत घरों से लेकर बाजारों तक में गूंज रहे हैं. छठ व्रत से जुड़े पुराने गीतों सहित नए गीतों को पसंद किया जा रहा है. शहर के प्रमुख बाजार में इस बार शारदा सिन्हा, देवी, सोनू निगम, मालिनी अवस्थी, कल्पना, मनोज तिवारी, पवन सिंह, छैला बिहारी, पवन सिंह एवं अन्य प्रमुख गायकों द्वारा गाए गए गीत खूब बजाए जा रहे हैं.

छठ पूजा के गीतों का अपना अपनी एक अलग छटा है. इस पावन पर्व के गीतों में भी इतनी आस्था है कि गीत बजते ही लोगों का सिर श्रद्धा से नत जाता है. जिन घरों में छठ पर्व का आयोजन किया गया उन घरों से तो गीतों की आवाज आ ही रही है इसके अलावा जिस रास्ते से गुजरें, आपको विभिन्न लोक गायकों की आवाज से सजे ऐसे गीत सुनने को मिल जाएंगे. इन गानों का संयोजन और संकलन छठ महापर्व के लिए ही किया जाता है. छठ गीतों से जुड़ी एक रोचक बात ये है कि ये एक ही लय में गाए जाते हैं. छठ पूजा के लोकगीतों की चर्चा होते ही सबसे पहले पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का नाम जेहन में आता है. ऐसे कई गीत हैं जिन्हें शारदा सिन्हा ने अपनी अपनी मधुर आवाज देकर अमर कर दिया है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel