चांद.
मूसाखाड़ से बिहार में आने वाले नहर में बिहार के हिस्से का पानी नहीं के बराबर आ रहा है. किसानों के धान का बिचड़ा तैयार है. पर पानी के अभाव में किसान रोपनी नहीं कर पा रहे हैं. जिनके पास समरसेबल है, वह तो अपना रोपने का काम शुरू चुके हैं, परंतु जो नहर पर आधारित है, वैसे किसान नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं. नहर में काम चल रहा है, जिसके चलते नहर से पानी नहीं छोड़ा गया है. जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. सोमवार को बिहार के हिस्से का मात्र 80 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जबकि बिहार के हिस्से का 300 क्यूसेक पानी उत्तर प्रदेश की मूसाखाड नहर से आना है. पानी बहुत कम है. जिससे किसान परेशान है. इस संबंध में कोनहरा के किसान विनोद कुमार चंद्रवंशी,चांद गांव के किसान छोटू चौहान और भरुहिया गांव के किसान राम प्यारे प्रसाद ने कहा कि समय से अगर नहर में पानी आ जाता तो रोपनी का काम शुरू हो जाता है. इस संबंध में मुसाखाड नहर के एग्जक्यूटिव सुमन कुमार ने बताया कि 80 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जल्द ही और पानी बढ़ाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है