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Kaimur News : आर्म्स नीति व छठे वित्त आयोग को स्वतंत्र करने की उठी मांग

मुखिया संघ की बैठक में मनरेगा सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

भभुआ शहर. मुखिया संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को जिला पंचायत संसाधन केंद्र, भभुआ में हुई. इसमें जिले की विभिन्न पंचायतों से आये सैकड़ों मुखियाओं ने भाग लिया. बैठक में पंचायतों में तेजी से बदलते प्रशासनिक हालात व सरकार की ओर से हाल ही में घोषित आर्म्स नीति से जुड़ी चुनौतियों को लेकर चर्चा की गयी. इस बैठक में अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. साथ ही सरकार से जल्द निर्णय लागू करने की मांग की गयी. बैठक की अध्यक्षता मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह व संचालन दीघार पंचायत के मुखिया भोलानाथ सिंह ने किया. मुखिया संघ के अध्यक्ष ने कहा कि आज पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका केवल विकास योजनाओं के संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षा, पारदर्शिता व जिम्मेदारी से भी जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि हाल ही में सरकार की ओर से मुखियाओं को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस की अनुमति देने संबंधी घोषणा की गयी थी. लेकिन, अब तक इसे धरातल पर लागू नहीं किया गया है. बैठक में उपस्थित कई मुखियाओं ने यह बात उठायी कि पंचायत क्षेत्र में कई बार उन्हें असामाजिक तत्वों से धमकियां मिलती हैं या विरोध का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखने की जरूरत महसूस होती है. सरकार ने आर्म्स नीति की घोषणा तो कर दी, परंतु अब तक इसके लिए न कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये और न ही कोई आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई है. मुखिया संघ ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि पंचायत प्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस की प्रक्रिया शीघ्र और सरल बनाया जाये. ताकि वे निडर होकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें. जनप्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस निर्गत करने की मांग दीघार पंचायत मुखिया भोलानाथ सिंह ने सरकार से चुनाव में लगने वाले आचार संहिता से पहले ही जनप्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस निर्गत करने की मांग की. इसके अलावा छठ वित्त आयोग को स्वतंत्र करने, पंचायत में बनने वाले विवाह भवन, पंचायत सरकार भवन आदि कार्यों के जल्द से जल्द जिला प्रशासन से स्वीकृति दिलाने की मांग की. साथ ही मुखिया को स्वतंत्रत करने की मांग कि ताकि अपनी पंचायत में घूमते समय जो भी कमियां दिखे हैं, उसे स्वतंत्र होकर पूरा कर सके. बड़का गांव मुखिया व संघ के उपाध्यक्ष अमरेंद्र पांडे ने मनरेगा कार्यों में असंतोष जाहिर किया. सीवो पंचायत मुखिया प्रतिनिधि नचक पटेल ने कहा कि जिले में अफसरशाही बढ़ गयी है. मुखिया के सामने अफसर मनमानी करते हैं. खेल भवन बनने के बाद भी मनरेगा से नहीं मिल रही राशि रुईया पंचायत के मुखिया राजेश्वर प्रसाद ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से खेल मैदान पंचायत में बनकर तैयार हो गया है, फिर भी मनरेगा विभाग द्वारा पैसा नहीं दिया जा रहा है. कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया जाता है. मुखियाओं ने चांद, चैनपुर, भभुआ, दुर्गावती प्रखंड के प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी पर असंतोष करते हुए कहा कि इनके द्वारा पक्की कार्य में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है. साथ ही कहा कि डिजिटल युग में अधिकांश योजनाएं ऑनलाइन पद्धति से संचालित हो रही हैं. लेकिन, तकनीकी सहयोग न होने से दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. इन सभी को बातों संघ के जिला अध्यक्ष ने सुना व इस पर विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि 10 अगस्त को मुखिया संघ की एक बार फिर बैठक होगी और कोई ठोस निर्णय लिया जायेगा.

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