अधौरा.
प्रखंड क्षेत्र में 64 आंगनबाड़ी केंद्र सरकार की ओर से संचालित है. लेकिन, केवल कागजों पर चलते हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों की जन प्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीण ने बार-बार प्रखंड विकास पदाधिकारी से मौखिक व लिखित शिकायत मिलती रहती है. इको लेकर मंगलवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन कुमार ने औचक निरीक्षण किया. इसमें सीडीपीओ कार्यालय में जांच के दौरान ताला लटका मिला. वहीं, मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह एक दिन की बात नहीं है, ऐसा नजारा हमेशा रहता है. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच के लिए बने कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी ही नहीं रहते हैं, तो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों की क्या स्थिति होगी. मालूम हो बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सुरेंद्र मोहन गिलानी को तीन प्रखंड का प्रभार सौंपा गया है व दो सुपरवाइजर कार्यरत हैं. इनमें एक अवकाश पर, तो दूसरा केवल कार्यालय में आकर हाजिरी बना कर चली जाती है. केवल कागज के पन्ने पर जांच की जाती है. कार्यालय एवं बरामदे में फर्श भी टूटा हुआ है. इसकी मरम्मत का कार्य भी नहीं किया गया है. यहीं, नहीं शौचालय में भी गंदगी का अंबार लगा पाया गया. जबकि यहां पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. क्या कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारीप्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि 64 आंगनबाड़ी केंद्र क्षेत्र में संचालित है, लेकिन जन प्रतिनिधि व ग्रामीण जनता द्वारा बार बार शिकायत मिलती रहती है, जिसे मेरे द्वारा कदहर कला नेवरुष कई आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की गयी, जो बंद पाया गया. इसकी शिकायत करते हुए उक्त विभाग को अवगत कराया गया था. लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद जब मैं कार्यालय में आकर निरीक्षण किया, तो सभी ऑफिस में ताला लटका मिला, जिसे लेकर वरीय अधिकारी को लिखा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है