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Kaimur News : सिपाही से मारपीट कर दिनदहाड़े बाइक के साथ 850 रुपये लूटे, फिर किया अगवा

भभुआ-मोहनिया रोड पर जेल के पास अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम, सिपाही को बाइक पर अगवा कर सुअरा नदी के किनारे ले गये और जान मारने की बनायी योजना

भभुआ कार्यालय. भभुआ मोहनिया रोड पर मंगलवार की सुबह अपराधियों ने दिनदहाड़े कैमूर पुलिस के एक सिपाही के साथ मारपीट कर उससे 850 रुपये व बाइक लूट ली. इसके बाद अपराधी हथियार के बल पर सिपाही को बाइक पर अगवा कर पांच किलोमीटर दूर सुअरा नदी के किनारे ले गये, जहां पर उसे नदी में धक्का देकर मारने की योजना थी. लेकिन, इस बीच मरता क्या नहीं करता के तर्ज पर सिपाही उक्त अपराधियों से भिड़ गया और किसी तरह से उनके चंगुल से भाग कर नजदीक के सिमरिया बस्ती के पास मंदिर पर पहुंच कर अपनी जान बचायी. साथ ही पुलिस को इसकी सूचना दी गयी. इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर लूट व अगवा करने में शामिल एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, घटना में उपयोग की गयी दो बाइकों को भी पुलिस ने बरामद कर लिया. खबर लिखे जाने तक पुलिस ने घटना में शामिल सात लोगों में छह अन्य लोगों की गिरफ्तारी व लूटी गयी बाइक की बरामदगी के लिए छापेमारी कर रही थी.

अपराधियों को जब सिपाही होने की जानकारी हुई, तो उसे जान से मारने के लिए किया अगवा

दरअसल कैमूर पुलिस का सिपाही शेषनाथ चौबे मंगलवार की सुबह मोहनिया से अपनी बाइक से भभुआ ड्यूटी पर आ रहे थे. इसी दरमियान परासिया व जेल के बीच तीन बाइकों पर सवार सात अपराधियों ने उन्हे जबरन रुकवा दिया. इसके बाद बाइक और पैसा लूटने का प्रयास किया. इसका विरोध सिपाही ने किया, तो बाइक सवार अपराधियों ने उसके साथ मारपीट की. उसके पॉकेट में मौजूद साढ़े आठ सौ रुपये व उसकी बाइक को लूट लिया. लेकिन, इसी दरमियान उसके पॉकेट से मिले आइकार्ड से अपराधियों को यह पता चल गया कि जिसके साथ वह मारपीट कर लूट की घटना को अंजाम दिये हैं, वह एक सिपाही है. वे बाद में पकड़े जा सकते हैं. इसके बाद सातों अपराधियों ने उसे मारने की योजना बना ली. इसके लिए हथियार के बल पर उसे बाइक के बीच में बैठा कर दो अपराधी भभुआ अखिलेशपुर बस स्टैंड उदासी देवी हाइस्कूल होते हुए सिमरिया बस्ती के पास सुअरा नदी के किनारे पर ले गये. वहीं पांच अन्य अपराधी लूटी गयी सहित तीन बाइकों पर सवार होकर उसे छुपाने के लिए अन्य ठिकाने पर चले गये. लूट के शिकार सिपाही को जब नदी के किनारे ले गये और उसे धक्का देकर नदी में डूबाकर जान मारने की योजना बनायी, तो सिपाही को लगा कि यह अपराधी उसे मार डालेंगे. तब वह उनके साथ भिड़ गया और किसी तरह भाग कर सिमरिया बस्ती के निकट मंदिर के पास पहुंचा. वहां के स्थानीय लोगों की मदद से इसकी सूचना पुलिस को दिलवायी और भभुआ थाने पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी. जहां पुलिस ने घटना के बाबत जानकारी लेने के बाद मारपीट में जख्मी हुए सिपाही का सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार भी कराया गया है.

दिनदहाड़े पुलिसकर्मी से लूट की सूचना मिलते हैं पुलिस हो गयी परेशान

लूट के शिकार सिपाही में भभुआ थाने पहुंचकर जब अपने साथ दिनदहाड़े मारपीट कर लूट व अगवा की घटना के बाबत बताया, तो थाने की पुलिस एसडीपीओ सहित अन्य सभी लोग परेशान हो गये. घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गये. सिपाही के द्वारा जिस रास्ते पर ले जाने की बात बतायी गयी उस रास्ते के सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जाने लगा. लेकिन पुलिस को घटना के बाबत कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था. जब पुलिस सिमरिया बस्ती के पास मंदिर पर गये, तो वहां के पुजारी के द्वारा घटना के बाबत बताया गया. तब पुलिस को लगा कि उक्त घटना सच है और यह अपराधियों के द्वारा दिनदहाड़े अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी गयी है.

एसपी ने तत्काल एसडीपीओ शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में भभुआ थाने की पुलिस डीआइयू की एक टीम का गठन किया. इसके बाद लगातार छह घंटे की मशक्कत के बाद घटना में महत्वपूर्ण सुराग खोज लिया गया और तत्काल छापेमारी कर एक अपराधी को लूट में इस्तेमाल बाइक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है.

इटाढ़ी व बड़े के अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम

एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में यह पाया गया कि अपराधियों के द्वारा लूट की घटना में ब्लू कलर की पल्सर बाइक का इस्तेमाल किया गया है. ब्लू कलर की पल्सर बाइक के बाबत पता लगाने पर यह जानकारी हुई कि बारे में एक ब्लू कलर की पल्सर बाइक खड़ी है. जब पुलिस द्वारा जगह पर छापेमारी की गयी और बाइक को जब्त की गयी, तब घटना परत दर परत खुलने लगी. पुलिस ने सबसे पहले घटना में शामिल इटाढी गांव के मुन्ना जायसवाल के लड़के राकेश कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया. उसके पास से भी लूट में इस्तेमाल की गयी एक बाइक बरामद की गयी. पुलिस ने दो बाइक बरामद कर ली है. गिरफ्तार राकेश ने घटना के बाबत स्वीकार करते हुए घटना में शामिल सभी अपराधियों के बाबत पुलिस को पूछताछ में बताया है राकेश ने पुलिस को जो बात बतायी है, उसके मुताबिक वह इंदौर में दारू दुकान में सेल्समैन का काम करता है. पिछले कुछ दिनों से वह अपने गांव पर आया हुआ है. उसके अन्य दोस्त 12 गांव के आकाश पटेल गणेश पटेल सहित चार अन्य साथियों द्वारा मिलकर उक्त लूट व सिपाही को अगवा करने की घटना को अंजाम दिया गया है. राकेश के स्वीकारोक्ति बयान व निशानदेही पर पुलिस के द्वारा छह अन्य अपराधियों व लूटी गयी बाइक की बरामदगी के लिए खबर लिखे जाने तक छापेमारी की जा रही थी. जहां पुलिस के द्वारा इटाढी व बारे गांव में खबर लिखे जाने तक अभी भी छापेमारी की जा रही थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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