2024 में डीडीसी कैमूर ने आवेदन पर कार्रवाई कराने का दिया था निर्देश
प्रतिनिधि, भभुआ.
मनरेगा पशु शेड निर्माण कराने का आदेश होने के बाद भी लाभुक एक साल से चक्कर काट रहा है. लेकिन, आज तक लाभुक के पशु शेड का निर्माण नहीं हो सका है. इधर, इस संबंध में सोमवार को मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से मिलकर आने के बाद चैनपुर प्रखंड की करजांव पंचायत के सोनबरसा गांव की रहने वाली लाभुक शकुंतला देवी के पति राजेश कुमार ने बताया कि उसके पास गाय, बकरी आदि पशु हैं. लेकिन, पशु शेड के अभाव में उसके पशु सड़क के किनारे ही बंधे रहते हैं. जिसे लेकर उसने सरकार से पशु शेड निर्माण कराने का आवेदन कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा प्रखंड चैनपुर को वर्ष 2022 में ही दिया था. जिसके निर्माण का आदेश होते- होते सालभर से अधिक समय लग गया, इसके बाद दो जुलाई वर्ष 2024 को उप विकास आयुक्त कैमूर ने कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा प्रखंड चैनपुर को आवेदन पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था. इसके बाद पशु शेड स्थल का जीओ टैग भी किया गया. वर्तमान में उसके पशु शेड के निर्माण की स्वीकृति भी हो गयी है, प्राक्कलन भी बना हुआ है. इसके बावजूद उसके पशु शेड का निर्माण नहीं कराया जा रहा है, जिसे लेकर वह पिछले एक साल से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के दफ्तर का चक्कर काट रहा है. सोमवार को भी वह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार से मिल कर पशु शेड बनवाने की गुहार लगाने आया था, लेकिन उनका कहना था कि पैसा नहीं है, पैसा आने पर बनवाया जायेगा. लाभुक के पति ने बताया कि सरकार स्तर से पशु शेड निर्माण कराने को लेकर बरसात में भी जिला प्रशासन को आदेश जारी किया जा चुका है. बहरहाल पशु शेड निर्माण के लटकने का मामला जिले के यह इकलौता नहीं हैं. कई लोग तो पशु शेड निर्माण कराने के बाद भी पशु शेड के सरकारी राशि का भुगतान नहीं किये जाने को लेकर जिले के पदाधिकारियों से लेकर मनरेगा लोकपाल के अदालत तक चक्कर लगा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है