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kaimur News : वाटर लेवल गिरने से चापाकलों ने दिया जवाब, नल-जल योजना कारगर नहीं

पीएचइडी के सुपुर्द होने के बाद नल-जल की स्थिति बद से बदतर

रामपुर. प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के दर्जनों वार्डों में लगे नलजल योजना फेल कर गयी है. किसी वार्ड में बिजली बिल के अभाव में नल-जल बंद है, तो किसी वार्ड में टंकी का मुख्य सप्लाइ पाइप फटने से सैकड़ों लीटर पानी सड़क पर बह रहा है. कहीं सिंटेक्स ही फटा पड़ा है. सकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इधर, पानी के लिए हाहाकार मचा है. यह समस्या एक पंचायत या एक वार्ड की नहीं है, बल्कि दर्जनों गावों की है. वार्ड क्रियान्यवन समिति द्वारा घटिया किस्म का पाइप व नल लगा लोगों को लुभाया गया है, जो कहीं सालभर, तो कहीं छह माह में ही खत्म हो गया. इस कारण पहाड़ की तलहटी में बसे गांव के लोग भी पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे है. मवेशियों और खुद की प्यास बुझाने के लोग भटक रहे हैं. किसी-किसी गांव में सबमर्सिबल लगा भी है, तो पीने का पानी आसानी से नहीं मिल रहा है. अधिकतर जगह लेयर नीचे चले जाने से चापाकल भी जबाव दे चुके हैं. शिकायत के बाद भी समस्या का नहीं हो रहा समाधान: अकोढ़ी झाली वाजिदपुर के महादलित बस्ती सहित दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हमलोग के गांव का नलजल फेल कर गया है. चापाकल का लेयर भी भाग गया है. पीने के पानी को लेकर ग्रामीणों सहित मवेशी पालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर पाइप फटने से हजारों लीटर पानी सड़क पर बह जाता है. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मौखिक व लिखित रूप से कई बार प्रयास किया गया. जनप्रतिनिधी व पीएचइडी पदाधिकारी से भी संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा है. चार माह बाद ही फूट गया पाइल : भोरेया व भीतरीबांध गांव में नल-जल योजना के तहत बने नल का पाइप जगह-जगह टूटे हैं. इससें पानी बर्बाद हो रहा है. जलजमाव से पीसीसी सड़क भी खराब हो रही है. भोरेया वार्ड पांच की महादलित बस्ती व वार्ड छह में एवं पसाईं वार्ड एक व दो सहित दर्जनों गांवों में मरम्मत के अभाव में नल-जल योजना बंद है. बाला चौबे, उमा शंकर चौबे सहित अन्य गांव के ग्रामीणों ने दर्जनों लोगो ने बताया कि नलजल योजना पूर्ण हुई, भी तो कुछ ही दिन बाद तीन -चार माह से टंकी का मुख्य सप्लाइ पाइप फट कर सड़क पर पानी बहना शुरू हो गया. इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. लोगों कका यह भी कहना है कि पहले नलजल योजना पंचायत राज के अधीन था, तो पंचायती राज द्वारा निरीक्षण कर वार्डों को सुचित कर मरम्मत हो जाती थी. लेकिन, जब से पीएचईडी के सुपुर्द किया गया है, तब से ही स्थिति बद से बदतर हो गयी है. कोई भी पदाधिकारी सुध नहीं ले रहा है. 160 घरों में नल का कनेक्शन नहीं बराव गांव के सेवरी समुदाय के बीरेंद्र मुसहर, गौरी मुसहर, लालमुनि मुसहर, प्यारी कूबर कलावती देवी, डौली कुंवर ने बताया कि महादलित बस्ती में वार्ड चौदह में सेवरी समुदाय के लगभग 30 घर के बस्ती में लगभग 150 लोग निवास करते हैं. लेकिन, नल-जल की भी व्यवस्था नहीं है. इससे पीने के पानी के लिये हमलोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. सबार वार्ड नंबर नाै में पीएचइडी द्वारा लगाये गये नल-जल से मात्र 40 घरों में ही नल से पानी की सप्लाइ हो रही है. शेष लगभग 160 घरों में नल का कनेक्शन नहीं है. झालि गांव के वार्ड नंबर 6 के महादलित बस्ती में 50 घरों में लगभग 350 लोग निवास करते है. बस्ती के ग्रामीण जवाहिर राम, अकलू राम, पार्वती देवी, मुआ देवी सहित लगभग 50 लोगों ने बताया की नल जल योजना से सभी 50 घरों में नल का कनेक्शन है, लेकिन जब से नल लगा है. मात्र 10 घरों में छह माह पहले मात्र एक घंटा नल का पानी आता था, आज वह भी बंद हो गया है. बाकी घरों में लगा नल शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. कहते हैं अधिकारी पंचायत राज पदाधिकारी दिव्यशक्ति से बुधवार को संपर्क करने पर बताया गया कि जेइ से संपर्क कर बिल संशोधन के लिए बार-बार बोला जा रहा है. इसके बावजूद न तो वे कुछ बता पा रहे हैं, न ही बुलाने पर कार्यालय आ रहे हैं. अन्य वार्डों के नल-जल में जो कुछ छोटी छोटी कमियां हैं, उसके लिए पीएचइडी जेइ को मेरे व वार्डों के स्तर से सुचित कर दिया गया है.

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