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Kaimur News : सिकरी गांव में डायरिया से मासूम बच्ची की मौत, 30 से ज्यादा लोग बीमार

25 लोगों को अधाैरा में अस्पताल में कराया गया भर्ती

अधौरा. प्रखंड क्षेत्र के सीकरी गांव में फैला डायरिया भयावह रूप लेता चला जा रहा है. डायरिया के कारण उक्त गांव के राजेश सिंह की 6 वर्षीय पुत्री माधुरी कुमारी की डायरिया के कारण मौत हो गयी, वहीं उसके पिता राजेश सिंह का भभुआ सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसके साथ ही डायरिया से पिड़ित दर्जनों अन्य मरीज जिनमें अवध साह, पुनम कुमारी, राजेश सिंह लवकुश सिंह, हरे कृष्ण, रामायण सिंह, तेतरी देवी, कलावती देवी इत्यादि अन्य लोग शामिल हैं. पिछले चार दिनों से सीकरी गांव में डायरिया फैला हुआ है अभी तक 35 लोगों को सीकरी गांव से अधौरा पीएचसी एवं भभुआ सदर अस्पताल में डायरिया से पीड़ित होने के कारण भर्ती कराया गया जिसमें 25 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी कर दी गयी है वहीं सात लोगों का अधौरा पीएचसी में एवं तीन लोगों का भभुआ सदर अस्पताल में अभी भी इलाज चल रहा है रविवार को डायरिया से बच्ची की मौत की खबर मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डीपीएम सहित चिकित्सकों की पूरी टीम उक्त गांव में पहुंची एवं गांव के करीब 200 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें 50 से अधिक लोगों को डायरिया की दवा दी गई है जिन्हें भर्ती करने योग्य पाया गया उन्हें सिविल सर्जन एवं डीपीएम के द्वारा एंबुलेंस से भभुआ सदर अस्पताल एवं अधौरा के पीएचसी पर इलाज के लिए भेजा गया . सिविल सर्जन एवं डीपीएम के नेतृत्व में मेडिकल टीम रविवार की शाम तक वहां कैंप कर रही थी उनके लौटने के बाद भी एंबुलेंस एवं चिकित्सकों की टीम को वहां इलाज के लिए रहने का निर्देश दिया गया है = डायरिया से मौत स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठा रहा है सवाल बड़ी बात यह है कि जहां गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज आज के जमाने में संभव हो गया है वहीं पर आज भी अधौरा में डायरिया से बच्ची का मौत होना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर स्पष्ट रूप से सवाल खड़ा कर रहा है सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने का दावा करने वाली स्वास्थ्य विभाग आज भी अधौरा के लोगों को डायरिया से बचा पाने में विफल है ऐसा भी नहीं है कि कैमूर पहाड़ी पर डायरिया से इस वर्ष कोई पहली मौत हुई है ऐसा कोई साल नहीं है जब बरसात में वहां पर डायरिया से मौत नहीं होती है हर साल किसी ने किसी गांव में डायरियां फैलता है और लोगों की जान चली जाती है जब मौत की खबर आती है तब स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटती है और वहां पर मेडिकल टीम पहचाने गांव में कैंप कर इलाज किए जाने का दावा किया जाता है लेकिन डायरिया को गांव में शुरुआती दौर में ही नियंत्रित कर लिया जाए इसे लेकर गंभीरता से प्रयास नहीं किए जाने के कारण हर वर्ष कैमूर पहाड़ी पर किसी न किसी गांव में बच्चा हो या बुजुर्ग डायरिया से मौत हो जाती है हालांकि मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग इतना जरूर कहता है कि मरे हुए व्यक्ति की डायरिया से मौत हुई है या किसी अन्य बीमारी से यह कह पाना मुश्किल है लेकिन आज के जमाने में डायरिया से किसी का मौत होना स्वास्थ्य विभाग को निश्चित रूप से आईना दिखाने का काम कर रहा है = गांव में लोग है दहशत में सीकरी गांव के लोग पूरे गांव में डायरिया फैल जाने के कारण दहशत में है इसी बीच डायरिया के कारण एक बच्ची की मौत हो जाने के बाद पूरे गांव के लोगों में डर का माहौल है हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हर मरीज की स्क्रीनिंग की गई है और जिम भी डायरिया का थोड़ा-थोड़ा लक्षण देखा गया है उन्हें दवा देकर ऊपर निगरानी रखी जा रही है इसके अलावा जिनकी भी स्थिति थोड़ी भी गंभीर पाई गई है उनको अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है लोगों को डरने की जरूरत नहीं है = क्या कहते है सिविल सर्जन बच्ची के मौत के बाबत जब सिविल सर्जन चंदेश्वरी रजक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक बच्ची की मौत की बात बताई जा रही है लेकिन उसकी मौत डायरिया के ही कारण हुई है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है हालांकि गांव में जितने भी डायरिया से पीड़ित लोग हैं उनका मेडिकल टीम के द्वारा स्क्रीनिंग एवं इलाज किया जा रहा है

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